कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डंटे आंदोलित किसानों ने एक बार फिर आक्रामक रुख अख्तियार किया है। दरअसल, किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी को होने वाले आठवें दौर की बैठक से पहले किसानों ने मोदी सरकार को बड़ा अल्टीमेटम दिया है। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
किसानों ने दिया ये बयान
एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक़, 4 जनवरी को होने वाली बातचीत में निष्कर्ष न निकलने की सूरत में किसान आंदोलन तेज करने का ऐलान करते हुए किसान नेता दर्शनपाल कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। उन्होंने कहा कि 4 जनवरी को सरकार से बातचीत है और 5 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। अगर हमारे पक्ष में बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को केएमपी (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे) पर ट्रैक्टर मार्च होगा। यह एक तरह से 26 जनवरी की रिहर्सल परेड होगी।
किसान नेता ने कहा कि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर तिरंगा झंडा लगा कर मार्च करेंगे। हालांकि दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड की जगह आदि को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि उसका पूरी योजना बाद में साझा की जाएगी।
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किसान नेताओं ने यह भी एलान किया कि सरकार के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान अगले हफ्ते दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के मौके पर सभी राज्यों में राजभवन मार्च की योजना बनाई गई है।