भारतीय मूल के प्रसिद्ध स्विस उद्योगपति पंकज ओसवाल ने आरोप लगाया है कि उनकी 26 वर्षीय बेटी वसुंधरा ओसवाल को युगांडा में अवैध रूप से कैद कर रखा गया है। युगांडा के राष्ट्रपति को लिखे एक खुले पत्र में उद्योगपति ने यह दावा भी किया कि उनकी 26 वर्षीय बेटी को बुनियादी अधिकारों और परिवार या कानूनी प्रतिनिधित्व तक पहुंच से वंचित किया जा रहा है।
ओसवाल के अनुसार, पीआरओ इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक वसुंधरा को कॉर्पोरेट और राजनीतिक हेरफेर के कारण 1 अक्टूबर से बिना किसी सुनवाई के हिरासत में रखा गया है। ओसवाल का दावा है कि उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए आरोप एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों से प्रेरित हैं, जिसने कीमती सामान चुराया और ओसवाल के परिवार को गारंटर बनाकर 200,000 डॉलर का लोन लिया।
ओसवाल ने मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने पर संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) कार्य समूह के समक्ष एक तत्काल अपील दायर की है , जिसमें कहा गया है कि वसुंधरा से अपमानजनक परिस्थितियों में पूछताछ की गई और उन्हें कानूनी सलाहकार या परिवार की पहुँच के बिना 90 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया। बिना शर्त रिहाई के लिए अदालत के आदेश के बावजूद, पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें जमानत पर रिहा होने से रोकने के लिए अस्वीकार्य आरोप लगाए हैं।
वसुंधरा के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में परिवार ने कहा कि उसे अपने परिवार और वकीलों से संपर्क में नहीं रहने दिया जा रहा है और उसका फोन भी छीन लिया गया है, जिससे उसे घबराहट का दौरा पड़ रहा है, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। यह सब तब हो रहा है, जब उसे अभी भी बिना किसी सबूत के गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है।
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वसुंधरा की मां राधिका ओसवाल ने यूरोपीय संघ के एक संवाददाता से बात करते हुए कहा कि यह हर मां का दुःस्वप्न है। मेरी छोटी बेटी को एक विदेशी जेल में डाल दिया गया है। उससे उसके बुनियादी मानवाधिकार और उसकी गरिमा छीन ली गई है। वसुंधरा एक निर्दोष तमाशबीन है। मैं बस यही चाहती हूं कि वह सुरक्षित रहे और वह वापस मेरी बाहों में आ जाए।