बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित लाल किले में हुई ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, इस हिंसक घटना के बाद से 100 से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों के गायब होने की खबर प्राप्त हुई है। इनमें से 18 किसानों को लेकर पुलिस ने कंफर्म किया गया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, हालांकि बाकी किसान कहां हैं, इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। इन किसान के परिजनों में भी चिंता नजर आ रही है।
किसानों के लापता होने की मिली जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार, जिन 18 किसानों की गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है, उनमें से सात बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के तहत आने वाले बंगी निहाल सिंह गांव के रहने वाले हैं। इन किसानों को दिल्ली पुलिस ने किसान रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। ये किसान 23 जनवरी के दिन दो ट्रैक्टरों पर बैठकर दिल्ली के लिए निकले थे, जहां इन्हें किसान ट्रैक्टर रैली में भाग लेना था। 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा की घटनाओं के बाद पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में हुई FIR के संबंध में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, इस मामले में पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन नाम के एनजीओ का कहना है कि पंजाब से दिल्ली में रिपब्लिक डे की किसान परेड के लिए आए करीब सौ किसान गायब हैं। पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालरा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की गई है।
यह भी पढ़ें: ट्रैक्टर रैली हिंसा के खिलाफ पुलिसकर्मियों के परिजनों ने खोला मोर्चा, उठाया बड़ा कदम
इनमें से अधिकांश को सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम, प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत बुक किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघों को गणतंत्र दिवस परेड के बाद लापता हुए लोगों की सूची प्राप्त हुई हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है।