गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ अब दिल्ली पुलिस के परिजनों ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, दिल्ली पुलिस के सभी वर्तमान और रिटायर्ड जवानों के परिजनों ने दिल्ली के शहीदी पार्क में प्रदर्शन किया। उन सभी ने हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों की निंदा की। इन प्रदर्शनकारियों में उन पुलिसकर्मियों के परिजन भी शामिल थे जो ट्रैक्टर रैली हिंसा के दौरान घायल हुए थे।

पुलिसकर्मियों के परिजनों ने की मांग
एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, इस दौरान दिल्ली के लाल किले पर उस दिन तैनात एक जवान ने बताया कि अंदर घुस कर अपना झंडा फहराने वाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर अचानक से हमला कर दिया था। हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हाथ में तलवारें और डंडे थे। उन्होंने बताया कि उनके पाँवों और सिर में चोटें आई हैं। मॉडल टाउन में तैनात हेड कॉन्स्टेबल सुनीता ने भी अपना अनुभव साझा किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें मुबारका चौक पर तैनात किया गया था, जहाँ डीसीपी और एसीपी भी तैनात थे। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी लगातार उनसे निवेदन कर रहे थे कि वो बताए गए रूट पर ही रैली करें, लेकिन वो अचानक से आक्रामक हो गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को इसका अंदाज़ा भी नहीं था कि उन पर भी हमला होगा।
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आपको बता दें कि मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले की ओर जाने वाले प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे। जिस वजह से कई जगहों पर उनकी पुलिस से झड़प हुई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक 400 से ज्यादा जवान ट्रैक्टर रैली हिंसा में घायल हुए हैं। वहीं कई जवानों पर तलवार से भी वार किया गया।
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