नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के प्रयास, 800 केवी.चम्पा-कुरूक्षेत्र एचवीडीसी बाई-पोल लाइन चालू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के प्रयासों से 800 केवी. चम्पा-कुरूक्षेत्र एचवीडीसी बाई-पोल लाइन शीघ्र चालू हुई। इस पॉवर ग्रिड के ट्रिप होने से पश्चिमी यूपी में 1:30 घंटे विद्युत् आपूर्ति बाधित रही।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा राज्य के समस्त उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति दिये जाने हेतु समस्त प्रयास किये जा रहें है, जो भी व्यवधान आ रहें उन्हें तत्काल ठीक किया जा रहा है।

पॉवर ग्रिड के ट्रिप होने से पश्चिमी यूपी में 1:30 घंटे विद्युत् आपूर्ति रही प्रभावित
उन्होंने बताया कि 17 जून को अपराहन् 1:55 बजे पावर ग्रिड की 800 केवी चम्पा-कुरूक्षेत्र एचवीडीसी, बाई-पोल लाइन में जब लगभग 4200 मेवा.का ऊर्जा प्रवाह हो रहा था उस समय अचानक यह लाइन ट्रिप कर गई। इस लाइन से भारत के वेस्टर्न रीजन (WR) के ग्रिड से उत्तर रीजन (NR) के ग्रिड में ऊर्जा फ्लो हो रही थी।

पावर ग्रिड की इस लाइन के ट्रिप होने के कारण 765 केवी.आगरा-अलीगढ़ एवं 765 केवी.उरई-अलीगढ़ की लाइनों का ऊर्जा प्रवाह भी रूक गया। पावर ग्रिड की इन लाइनों के अचानक ट्रिप होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य को मिलने वाली लगभग 2500 मेवा. की ऊर्जा मिलनी बंद हो गई।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य को विद्युत ऊर्जा देने वाली ललितपुर परियोजना की 600 मेवा. की दूसरी यूनिट भी ट्रिप हो गई, जिस कारण से प्रदेश की ऊर्जा उपलब्धता बुरी तरह प्रभावित हुई।

अचानक हुई इन ट्रिपिंगस के कारण एनआरएलडीसी ने बताया की उत्तरी रीजन में लगभग 16,500 मेवा.का ऊर्जा जनरेशन प्रभावित हुआ, जिसमें राजस्थान राज्य का लगभग 4200 मेवा. सोलर उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।

पावर ग्रिड की 800 केवी.चम्पा-कुरुक्षेत्र एचवीडीसी, बाई-पोल लाइन की ट्रिपिंग के कारण आई समस्या तथा उत्पादन कर रही ललितपुर की 600 मेवा.की इकाई के बंद होने के कारण राज्य की ऊर्जा उपलब्धता लगभग 2500 मेवा. प्रभावित हुई।

इस कारण राज्य के ग्रामीण एवं बुंदेलखंड क्षेत्रों तथा पश्चिम उत्तर प्रदेश के नगर पंचायतों एवं तहसील क्षेत्रों में लगभग एक घंटा तीस मिनट की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान रहा।

साथ ही एनटीपीसी की सिंगरौली स्थित 500 मेवा. की दो इकाईयों एवं टांडा की 110 x 4 मेवा. क्षमता की इकाईयों के तकनीकी कारणों से बंद हो जाने के कारण भी ऊर्जा की उपलब्धता प्रभावित हुई। पावर ग्रिड की लाइन में आई तकनीकी समस्याओं के दूर होने के पश्चात राज्य की विद्युत आपूर्ति को सामान्य कर लिया गया।