देहरादून। उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मियों की हड़ताल खत्म होने से संकट टल गया है। ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद मंगलवार को हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की गई। इससे पूर्व राज्य सरकार ने राज्य में किसी भी प्रकार की हड़ताल पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगा दिया था।

सर्वे चौक स्थित कौशल विकास केंद्र के कॉन्फ्रेंस रूम में कर्मचारी संगठनों की वार्ता हुई। इस मौके पर तीनों निगमों के एमडी और अपर सचिव ऊर्जा नीरज खैरवाल मौजूद रहे। वार्ता के बाद उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने बताया कि ऊर्जा मंत्री के साथ लंबे दौर की वार्ता के बाद ऊर्जा कर्मियों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है।
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा है कि बिजली कर्मियों के मांगों के समाधान के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। कर्मचारियों को उनकी मांग का समुचित समाधान निकालने के लिए एक माह का समय दिया गया है। वहीं सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, इसके बाद ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है।
यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी 14 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज हड़ताल पर थे। बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सरकार से लेकर आमजन के लिए मुश्किले बढ़ गई थी। वार्ता के दौरान बिजली न आने की वजह से जेनरेटर चलाया गया।
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