चुनाव आयोग ने असम के मंत्री व नेडा के संयोजक डॉ.हिमंत विश्वशर्मा को बड़ी राहत दी है। दरअसल, चुनाव आयोग ने विश्वशर्मा पर 48 घंटे के चुनाव प्रचार पर लगायी गयी रोक में रियायत देते हुए उसे 24 घंटे कर दिया है।

चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मंत्री ने मांगी थी अनुमति
डॉ.हिमंत विश्वशर्मा ने आयोग को प्रेषित पत्र में खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में चुनाव आचार संहिता का पालन करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पत्र में कहा था कि वे स्वयं उम्मीदवार हैं, और उनके निर्वाचन क्षेत्र में 06 अप्रैल को मतदान होना है।
इसी के बाद आयोग ने 48 घंटे के चुनाव प्रचार को घटाकर 24 घंटे कर दिया। आयोग ने साथ ही चुनाव आचार संहिता के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
डॉ.हिमंत विश्वशर्मा को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपने चुनाव क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति मिल गयी है। माना जा रहा है कि अंतिम दिन डॉ. विश्वशर्मा अपने चुनाव क्षेत्र जालुकबारी में कई चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।
आपको बता दें कि आयोग ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और असम सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री कहे जाने वाले हिमंत विश्वशर्मा पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। आयोग ने ये एक्शन विश्वशर्मा की ओर से BPF नेता हाग्रामा मोहिलरी पर दिए बयान को लेकर लिया है।
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विश्वशर्मा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के जरिए उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) असम में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है और ये पार्टी पहले बीजेपी के साथ थी।
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