पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच चिटफंड मामलों की जांच के लिए सक्रिय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने आज तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष और सांसद शताब्दी रॉय सहित तीन लोगों की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की है।
ईडी ने कुछ की आरोपियों की संपत्ति
जांच एजेंसी ने शनिवार को जारी अपने बयान में बताया कि सारदा समूह के मामले में कुणाल घोष और सांसद शताब्दी राय के अलावा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन की महिला सहयोगी देबजानी की कुल तीन करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने सारदा चिट फंड मामले में घोष, रॉय और मुखर्जी से संबंधित तीन करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है। इस संबंध में इसी साल 02 मार्च को घोष से पूछताछ करने के एक महीने बाद ईडी ने कार्रवाई की है।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक घोष, जो तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा के पूर्व सांसद हैं और सारदा मीडिया समूह के सीईओ थे, ने कथित तौर पर मीडिया इकाई का प्रमुख बनने के लिए सारदा समूह से धन प्राप्त किया था। घोष से इससे पहले जुलाई 2019 और अक्टूबर 2013 में इस मामले में एजेंसी ने पूछताछ की थी। इस बीच में लंबे समय तक जेल में भी रहे थे और जांच एजेंसियों से सहयोग की शर्त पर वह जमानत पर हैं।
उधर, शताब्दी रॉय बीरभूम संसदीय क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य हैं और ईडी के अनुसार वह सारदा समूह की वह ब्रांड एंबेसडर थीं। जबकि देबजानी मुखर्जी सारदा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ में निदेशक थीं। अधिकारी ने बताया कि ईडी अब तक मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।
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उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2013 में सारदा घोटाला सामने आया था और अनुमान है कि 10 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोप लगे थे। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने के आधार पर मामला दर्ज किया है।