लखनऊ। मुख्य सचिव के कार्मिक संगठनों के साथ वार्ता के हालियाॅ आदेश के बाद शासन के आला अफसरों के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि मण्डल की 11 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न मांगों पर मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक और आला अफसरों की सहमति के बाद पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर शासन के नकारात्मक रूख से नाराजगी देती गई lपरिषद के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्य कर्मचारियों की मांगों के सम्बंध में मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र तिवारी की अध्यक्षता में लोकभवन में सम्पन्न बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह और संगठन मंत्री संजीव गुप्ता और शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव कार्मिक देवेश चतुर्वेदी, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रविन्द्र कुमार, विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्र, विशेष सचिव कार्मिक शीतला प्रसाद, विशेष सचिव राजस्व, पंचायतीराज राधेश्याम मिश्र के साथ मौजूद रहे।
बैठक में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती करने, पदोन्नति के पदों को मुहिम चलाकर तीन माह में भरने, कैशलेस इलाज सुविधा जिसका नाम दीनदयालय उपाध्याय कैशलेस कर्मचारी योजना को अतिशीघ्र लागू कराने फील्ड कर्मचारियों को मोटरसाईकिल भत्ता दिये जाने,संविदा,आउट सोर्सिंग, मानदेय, दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे कार्मिकों को केन्द्र के समान नियमावली बनाकर उत्पीड़न रोकने तथा भविष्य सुरक्षित करने, विभागीय विवाद फोरम को सक्रिय कर अनावश्यक रूप से कर्मचारियों के न्यायालयी विवादों को कम करने की मांग रखी गई। परिषद की तरफ से स्पष्ट किया गया कि विभागीय फोरम सक्रिय होने से सरकारी धन और श्रम का दुरूपयोग रूकेगा। चिकित्सा परिचर्चा नियमावली में संशोधन करके पतिपत्नी को भी आश्रित की श्रेणी में सम्मिलित करते हुए आय को समाप्त किया जाए। मुख्य सचिव समिति में वेतन विसंगतियो के प्रकरणों के निस्तारण शीघ्र कराने जैसी मांगों पर शासन का सकारात्मक रूख रहा। शासन की तरफ से इन मांगों पर जल्द ही आदेश निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन परिषद की शीर्ष मांग पुरानी पेशन बहाली मूद्दे पर सीधे नकारात्मक जबाब से नाराज कार्मिकों के प्रतिनिधि मण्डल ने कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशन अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के तहत पूर्व घोषित आन्दोलन कार्यक्रम की शुरूआत पाॅच अक्टूबर को पूरे प्रदेश में जनपदीय मोटर साइकिल रैली ज्ञापन, 28 अक्टूबर को जिले में एक दिवसीय धरना ज्ञापन और 30 अक्टूबर को राजधानी में विशाल प्रान्तीय रैली से शासन के शीर्ष अफसरों को अवगत करा दिया।
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