वैसे तो पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य जंग बीजेपी और सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच ही मानी जा रही है, लेकिन अब कांग्रेस ने भी दोगुनी ताकत से वापसी करने की कवायद शुरू कर दी है। दरअसल, बंगाल में कांग्रेस को अब लेफ्ट के रूप में एक नया साथी मिल गया है। यह लोगों दल साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में शिरकत करती नजर आएंगी। कांग्रेस के इस फैसले के बाद अब बीजेपी और तृणमूल की राह भी मुश्किल होती नजर आ रही है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर दी यह जानकारी
इस बात की जानकारी बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के एक ट्वीट से हुई है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से बताया है कि कांग्रेस और लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ने पर पार्टी हाईकमान ने मंजूरी दे दी है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया है। लेफ्ट के साथ गठबंधन के लिए पार्टी से मिली हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में एक बार फिर 2016 के विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर बंगाल में बीजेपी और ममता बनर्जी से दो-दो हाथ करेंगे।
आपको बता दें कि वर्ष 2016 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट ने एक साथ मिलकर चुनाव लगा था। इस चुनाव में कांग्रेस सूबे की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उस चनाव में कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई थी, जबकि सीपीएम को 26 सीटें मिली थी, बाकी कुछ सीटें लेफ्ट के अन्य घटकों को भी मिली थी। उस चुनाव में बीजेपी के खाते में सिर्फ 3 सीटें ही आई थी।
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हालांकि अब बीजेपी एक नए रूप में नजर आ रही है। तृणमूल के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। जबकि लेफ्ट के भी दो विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।