राज्यसभा में दिखी कांग्रेस बनाम G-23 की कलह, खड़गे के ज्यादा बोलने पर आनंद शर्मा हुए नाराज

कांग्रेस (Congress) के अंदर मचा घमासान एक बार फिर उस समय सबके सामने आ गया जब राज्‍यसभा (Rajya Sabha) में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के ज्‍यादा बोलने पर कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) नाराज हो गए. आनंद शर्मा ने कहा कि राज्‍यसभा में कांग्रेस को बोलने के लिए 109 मिनट का समय दिया गया था, जिसमें से लगभग 1 घंटा नेता विपक्ष खड़गे ही बोल गए. इस बात से आनंद शर्मा इतना नाराज हो गए कि उन्‍होंने राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में बोलने से इनकार कर दिया. उनका नाम भाषण देने वालों में दिया गया था, लेकिन वह कम समय मिलने के कारण अब भाषण नहीं देने पर अड़ गए हैं.

नाराज आनंद शर्मा को भाषण देने के लिए पार्टी के अन्‍य नेता मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आनंद शर्मा भाषण देने को तैयार नहीं हैं. आनंद शर्मा का कहना है कि उनके पास इतना समय ही नहीं बचा है कि वह अपनी बात कर सकें. बता कि दिग्विजय सिंह सहित कई अन्य नेता भी बोलने वालों की सूची में शामिल थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आनंद शर्मा ने जयराम रमेश को कह दिया है कि वह भाषण नहीं देंगे. बता दें कि आनंद शर्मा G23 गुट के नेता हैं. ऐसे में कांग्रेस के अंदर ऐसी चर्चा है कि जानबूझकर G23 के नेताओं को परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट पर निराशा जताते हुए इसे अमीरों का बजट और लॉलीपॉप बजट करार दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ विश्वासघात किया है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, सरकार के वादे एक के एक बाद झूठ साबित होते जा रहे हैं. राजकोषीय घाटा अभी बहुत ही ज्यादा है. कॉरपोरेट कर घटाया, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं दी. वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया. मैं तो यही कहूंगा कि यह द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट है, एकलव्य का बजट नहीं है.

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आनंद शर्मा बोले- बजट में सिर्फ लच्‍छेदार बातें की गई है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि इसमें सिर्फ लच्छेदार बातें की गई हैं, लेकिन रोजगार सृजन, अर्थव्यवस्था की मजबूती और देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं है.