मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले आठ महीनों से जारी किसान आंदोलन की तपिश अब कांग्रेस को भी महसूस होने लगी है। दरअसल, किसान आंदोलन की इस तपिश से पंजाब कांग्रेस झुलसती नजर आ रही है। बीजेपी व अन्य राजनीतिक दलों के विरोध की भांति अब कांग्रेस के विरुद्ध भी काले झंडे लेकर किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। एक दिन पूर्व चमकौर साहिब में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को किसानों द्वारा घेरने के प्रयास से कांग्रेस भड़क उठी है।
सिद्धू के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा और मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे लेकर अपनी ही सरकार के पुलिस प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। मंत्री चन्नी ने कहा है कि अगर पंजाब पुलिस के मुखी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की सुरक्षा का प्रबंध नहीं कर सकते तो उन्हें पद पर रहने के कोई अधिकार नहीं। वैसे रोपड़ पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
किसान के गुस्से के नाम पर पंजाब में बीजेपी के प्रांतीय अध्यक्ष, विधायक और कितने ही दूसरे नेताओं को निशाना बनाया जा चुका है। कांग्रेस के भी कुछ नेता किसान की नाराजगी का शिकार हो चुके हैं। परन्तु कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष के विरुद्ध किसानों का विरोध अब नजर आने लगा है।
अध्यक्ष बनते ही राज्य के बंगा नगर में किसानों ने नवजोत सिद्धू का पहली बार तब काले झंडों के साथ विरोध किया जब वे शहीद भगत सिंह के पुश्तैनी निवास खटकड़ कलां में शहीद को नमन करने गए थे। एक-दो अन्य स्थानों पर भी सिद्धू के विरुद्ध प्रदर्शन हुए। अब रोपड़ के चमकौर साहिब में किसानों के समूह ने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में सिद्धू का पीछा किया, परन्तु सिद्धू व दूसरे नेता भनक लगते ही वहां से निकल गए। सिद्धू के साथ मंत्री चरणजीत चन्नी और कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा भी थे।
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मंत्री चन्नी को इस बात की नाराजगी थी कि आभास होने पर पुलिस को इस बारे में सूचित कर दिया गया था परन्तु पुलिस ने हमलावरों को कांग्रेस अध्यक्ष की गाड़ी के करीब आने से रोका ही नहीं। इस बारे में मंत्री ने पंजाब के डीजीपी से भी शिकायत की है। हालांकि पुलिस ने कुछ लोगों को गुरुद्वारा के बाहर ही रोक लिया था परन्तु कुछ लोग सिद्धू के पीछे जाने में कामयाब हो गए थे।