उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस भी हिंदुत्व का राग अलापते नजर आ रही है। जिस सरकार के कार्यकाल में गोवंश की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उसी योगी सरकार में कांग्रेस को गोवंश खतरे में नजर आ रहा है। बीते दिनों कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाई गई प्रियंका गांधी द्वारा गोवंश का मुद्दा उठाने के बाद अब कांग्रेस ने गोवंश को बचाने के लिए कदम बढ़ाया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड में 26 दिसम्बर से ललितपुर की सौजाना गौशाला से गाय बचाओ, किसान बचाओ पद यात्रा निकालने का ऐलान किया है।
कांग्रेस नेता ने दी यह जानकारी
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि यूपी के बुंदेलखण्ड से गाय बचाओ किसाना बचाओ पद यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा ललितपुर की सौजना गौशाला से निकलकर बुन्देलखण्ड के सभी जिलों से होती हुई चित्रकूट में पवित्र मंदाकिनी नदी के तट पर समाप्त होगी। जहां सरकार की दुर्व्यस्था से मरी गायों की अस्थियों का तर्पण होगा।
उन्होंने बताया कि, यात्रा के पहले पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी, बाजीराव खाड़े, पूर्व सांसद प्रदीप जैन आदित्य जी समेत तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। यूपी में रोज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। क्या उत्तर प्रदेश में किसानों के मुद्दे उठाना गुनाह है।
कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने कहा कि, पूरे प्रदेश में गौशाला कत्लगाह में तब्दील हो गई हैं। चारा पानी का प्रबंध न होने के चलते गौमाता तड़प तड़प कर दम तोड़ रही हैं। पूरे सूबे की गौशालाएं हिटलरी नाजी कैम्पों में तब्दील हो गयी हैं।
यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि हम किसानों के बेटे हैं। इस मिट्टी और गाय से हमारा रिश्ता भावनाओं का है। भाजपा सरकार में किसानों और गाय दोनों की दुर्दशा हो रही है। कांग्रेस पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
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आपको बता दें कि अभी बीते दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। उन्होंने अपने इस पत्र में ललितपुर की उस घटना का उल्लेख किया, जिसमें गायों का मृत शाहीर नजर आया। उन्होंने पत्र में लिखा कि ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरें देखकर मन विचलित हो गया। अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि इन गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मौतें हुई हैं। देखकर लगता है कि कई दिनों की भूख और प्यास से धीरे-धीरे हुई पीड़ादायक मौतें हैं।