पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है। इस मुद्दे को हथियार बनाकर कांग्रेस ने सड़क से लेकर संसद तक में मोदी सरकार के खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है। इसी क्रम में एक बार फिर कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की है। दरअसल, कांग्रेस ने संसद में जारी बजट सत्र के दौरान पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर चर्चा करने की मांग की है।
पेट्रोल-डीजल की वजह से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाए आरोप
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के साथ ही विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों वृद्धि को लेकर जमकर हंगामा किया। उसने केंद्र की मोदी सरकार पर जनता को लूटने का आरोप लगाया।
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर 200 फीसदी टैक्स बढ़ाया गया है, इसपर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिए।
खड़गे ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमश: 100 रुपये और 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। वहीं, रसोई गैस की कीमतें भी लगातार आसमान छू रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार एक्साइज ड्यूटी/सेस में बढ़ोतरी कर लोगों की जेब पर डाका डालने का काम कर रही है। इस तरह सरकार ने 21 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस महंगाई बढ़ाने वाली नीतियों की वजह से किसान व मजदूर के साथ पूरा देश जूझ रहा है।
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दूसरी ओर, पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के मु्द्दे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। स्थगन प्रस्ताव के तहत सदन की आम कार्यवाही को रोककर उस खास विषय पर चर्चा की जाती है। लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे शुरू होगी।