Sarkari Manthan:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि प्रदेश के हर विद्यालय और शैक्षणिक संस्थान में वंदे मातरम् गाना अनिवार्य होगा। उन्होंने गोरखपुर में सोमवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह के मौके पर राष्ट्रीय एकता यात्रा की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “राष्ट्रगीत वंदे मातरम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, इस गीत को हर स्कूल और कॉलेज में सार्वजनिक रूप से गाया और सुनाया जाना चाहिए. यह सभी के लिए आवश्यक है.”
सीएम योगी ने आगे कहा कि हमें राष्ट्रीय एकता और अखंडता को कमजोर करने वाले कारकों की पहचान करनी होगी. हमें उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला करना होगा ताकि भविष्य में भारत की अखंडता को चुनौती देने वाले कोई जिन्ना पैदा न हो सकें.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था – कि वंदे मातरम केवल एक शब्द नहीं है – यह एक मंत्र है, एक ऊर्जा है, एक स्वप्न है और एक पवित्र संकल्प है.
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में आयोजित समारोह के दौरान आरोप लगाते हुए कहा, ‘वंदे मातरम के खिलाफ विषवमन हो रहा है. जिस कांग्रेस के अधिवेशन में 1896 में स्वयं गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने पूरे वंदे मातरम का गायन किया था और 1896 से लेकर 1922 तक कांग्रेस के हर अधिवेशन में वंदे मातरम का गायन होता था लेकिन 1923 में जब मोहम्मद अली जौहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो वंदे मातरम का गायन शुरू होते ही वह उठकर चले गए. उन्होंने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया. वंदे मातरम का इस प्रकार का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना था.’
आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने अगर उस समय मोहम्मद अली जौहर को अध्यक्ष पद से बेदखल करके वंदे मातरम के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता तो भारत का विभाजन नहीं होता. उन्होंने दावा किया, ‘बाद में कांग्रेस ने वंदे मातरम में संशोधन करने के लिए एक कमेटी बनाई. 1937 में रिपोर्ट आई और कांग्रेस ने कहा कि इसमें कुछ ऐसे शब्द हैं जो भारत माता को दुर्गा के रूप में, लक्ष्मी के रूप में, सरस्वती के रूप में प्रस्तुत करते हैं, इनको संशोधित कर दिया जाए.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गीत धरती माता की उपासना का गीत है और हम सब के संस्कार हैं कि धरती हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं और पुत्र होने के नाते अगर मां के सम्मान में कहीं कोई आंच आती है तो हमारा दायित्व बनता है कि हम उसके खिलाफ खड़े हों. उन्होंने कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए कहा, ‘लेकिन कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति दुर्भाग्य से 1947 में देश के विभाजन का कारण भी बनी और आज भी हम सब यह मानते थे कि जो लोग भारत के अंदर हैं वे सभी भारत के प्रति निष्ठावान होकर भारत की एकता और अखंडता के लिए कार्य करेंगे लेकिन जब अखिल भारतीय स्तर पर वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजन प्रारंभ हुए तो फिर वही स्वर फूटना प्रारंभ हो गए।
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