हाल ही में एक खबर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इसे लेकर आंध्र प्रदेश में राजनीति भी गरमा गई। म्यांमार सीमा पर सुरक्षा बलों ने दो महीने पहले तिरुपति मंदिर में कराए गए मुंडन के बालों की खेप की तस्करी कर रहे लोगों को पकड़ा। यह मुद्दा भावनाओं से जुड़ा हुआ था, इसलिए प्रतिक्रियाएं आना तय था। जानकारी मिली कि मुंडन के बालों की खेप की कीमत करीब 1.8 करोड़ रुपये थी और इसे चीन भेजा जाया जा रहा था।
म्यांमार सीमा पर अक्सर सोने या जंगली जानवरों की तस्करी की खबरें सुनने को मिलती हैं। मगर असम राइफल्स ने दो महीने पहले इंसानी बाल की 120 बोरियों के साथ तस्करों को पकड़ा। 20 मार्च को असम राइफल्स ने इस बारे में जानकारी दी। तमाम विवादों के बीच मन में कई सवाल उठते हैं। आखिर चीन इन बालों का क्या करता है? इससे चीन को कितनी कमाई होती है? बालों का बाजार आखिर कितना बड़ा है? जब इन सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश की गई, तो ड्रैगन का फायदा जानकार होश उड़ गए।
इस शहर में हर 2 सेकंड में बनता है एक विग
चीन के हेनान प्रांत का जुचांग शहर, जिसे ‘सिटी ऑफ हेयरपीस’ भी कहा जाता है। चीन की सैनलियान लाइफ वीक मैगजीन की मानें तो यहां से हर दो सेकंड में कोई न कोई विग बनाकर दुनिया के किसी न किसी देश में बेचा जाता है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विग बनाने का कितना बड़ा कारोबार चीन में चल रहा है। दुनिया में सबसे ज्यादा विग इसी चीनी शहर में बनते हैं। बताया जाता है कि यहां 100 साल से भी ज्यादा समय से विग बनाने का कारोबार चल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 2017 में 240 कंपनियां और 3 लाख से ज्यादा लोग इस कारोबार में शामिल थे।
विग के कारोबार में चीन का दबदबा
दुनियाभर में विग का जितना बाजार है, उसमें से 70 फीसदी पर अकेले चीन का कब्जा है। वह दुनियाभर में सप्लाई करता है। चीन के विग कारोबार को चार भागों में बांटा जा सकता है। विग के लिए कच्चा माल, इंसानी बालों से बने विग, केमिकल फाइबर विग और दूसरी चीजों से बने विग। हेनान प्रांत के अलावा शेनडोंग और झिजियांग में भी बड़ी संख्या में विग बनाने का कारोबार चलता है।
ड्रैगन का मुनाफा सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश
दुनियाभर में नकली बालों या विग की मांग जोरों पर है। वैश्विक मांग की बात करें तो अकेले नॉर्थ अमेरिका में 62 फीसदी विग की डिमांड है। इसके अलावा अफ्रीका और यूरोपीय देशों में भी इसकी बहुत मांग है। अब इससे होने वाले मुनाफे की बात करें तो आपके होश उड़ जाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में चीन ने 67।08 हजार टन विग का निर्यात किया। बाजार में इसकी कीमत की बात करें तो चीन ने 3।59 बिलियन डॉलर यानी करीब 26।7 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया। कोरोना वायरस की वजह से निर्यात जरूर कम हुआ, लेकिन विग की कीमत बढ़ा दी गई।
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भारत, पाकिस्तान और म्यांमार से होती है तस्करी
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए चीन सस्ते दामों पर इंसानी बालों को खरीदने की कोशिश में लगा रहता है। इसके लिए बहुत से गैंग सक्रिय हैं, जो भारत, पाकिस्तान और म्यांमार से इंसानी बालों की तस्करी करते हैं। भारत से तस्करी किए जाने वाले बाल अक्सर वो होते हैं, जो हमारे यहां मंदिरों में अर्पित किए जाते हैं। इसके पीछे का कारण है कि उनकी लंबाई अच्छी होती है, जिसके अच्छे दाम मिलते हैं। एक किलो 10 इंच लंबे बाल 220 युआन (करीब 2500 रुपये) में खरीदकर उन्हें चीन में 940 युआन (करीब 10 हजार रुपये) तक में बेच दिए जाते हैं। विग बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बालों की कीमत और भी ज्यादा मिलती है।