मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश के अन्य नेताओं ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उने नमन किया है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि भारत की समृद्ध संत परम्परा के प्रेरक संत, महान आध्यात्मिक गुरु एवं अद्भुत विचारक स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी को उनकी पावन जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनका सहज, सरल एवं धर्मपरायण जीवन हम सभी को मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देता है।
उप्र विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सर्वधर्म समभाव का संदेश देने वाले, करुणा एवं स्नेह की प्रतिमूर्ति स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। उन्होंने कहा कि ज्ञान व प्रेम मार्ग से शक्ति साधना में चरम सिद्धि पाने वाले स्वामी जी के विचार व भक्तिमयी जीवन युगो तक मानव समाज को सन्मार्ग की राह दिखाते रहेंगे।
रामकृष्ण परमहंस का धर्मपरायण जीवन मानवीय मूल्यों-आदर्शों का पालन करने की देता है प्रेरणा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि निःस्वार्थ भाव से मानवता के लिए सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले, करुणा और स्नेह की प्रतिमूर्ति एवं स्वामी विवेकानंद के गुरु महान संत पूज्य स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि श्रद्धेय स्वामी रामकृष्ण परमहंस के जन्मदिवस पर उन्हें मेरा नमन। भक्ति, अध्यात्म और दर्शन की भारतीय परंपरा को आगे बढाने में उनका योगदान अतुल्य है। उनकी शिक्षायें सदैव हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।
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रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। उन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुंचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। रामकृष्ण परमहंस मां काली के भक्त माने जाते थे। वे मां मां काली की आराधना में लीन दिखाई देते थे। कहा जाता है कि रामकृष्ण परमहंस के माता-पिता को उनके जन्म से पहले ही अलौकिक शक्तियों का आभास हो गया था।