लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ का भव्य शुभारंभ किया। इस दौरान, उन्होंने जनजातीय कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए स्वयं पारंपरिक ढोलक पर हाथ आजमाया और उत्सव की शुरुआत की, जिसने कार्यक्रम स्थल पर एक जीवंत और सांस्कृतिक माहौल बना दिया।यह उत्सव ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 13 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढोलक बजाकर छह दिवसीय ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ का औपचारिक उद्घाटन किया।उन्होंने इस अवसर पर कहा कि “जनजातीय समाज भारतीय संस्कृति की आत्मा है,” जिसने हजारों वर्षों से प्रकृति और परंपरा के संतुलन को बनाए रखा है।
जनजातीय समुदाय अपनी परंपरा, संस्कृति और विरासत पर गर्व का अनुभव करे तथा समाज और राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़कर सम्मानपूर्वक आगे बढ़ सके, इसी उद्देश्य से 'जनजातीय गौरव पखवाड़ा' के अंतर्गत 'जनजाति भागीदारी उत्सव' का आयोजन किया जा रहा है।
आज लखनऊ में 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा जी… pic.twitter.com/jo867FKclv
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 13, 2025
इस उत्सव का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को अपनी परंपरा, संस्कृति और विरासत पर गौरव की अनुभूति कराना और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश को भागीदार राज्य बनाया गया है, साथ ही देश के 18 राज्यों के 600 से अधिक कलाकार अपनी पारंपरिक कला, लोकनृत्य और वाद्य प्रस्तुतियां देंगे।छह दिवसीय इस महोत्सव में जनजातीय शिल्प मेला, लोकनृत्य-लोकगीत प्रस्तुतियां, मुखौटा प्रदर्शनी और जनजातीय व्यंजनों का फूड फेस्ट ‘जेवनार’ भी आकर्षण का केंद्र रहेगा।
मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जिस साहस से आंदोलन किया, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
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