करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद केडी सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया है। सीबीआई ने कानपुर नगर में सितम्बर 2019 में दर्ज कराई गई एफआईआर को केस का आधार बनाया है। आरोप है कि आरोपित केडी सिंह की एल केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेट व एल केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड कंपनियों के जरिए निवेशकों को प्लॉट व फ्लैट देने के नाम पर उनकी रकम को हड़प लिया है।
कानपुर में दर्ज एक एफआईआर को आधार बनाकर दर्ज किया केस
कानपुर की नगर कोतवाली में चकेरी के श्याम नगर में रहने वाले पवन मिश्रा ने पांच सितम्बर 2019 को दोनों कम्पनियों पर निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करायी थी।
ईडी की ओर से भी हो रही मामले की जांच
तहरीर के आधार पर पवन ने यह आरोप लगाया था कि एल केमिस्ट ग्रुप के चेयरमैन टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) से राज्यसभा के पूर्व सदस्य केडी सिंह और उनके निदेशकों सत्येंद्र कुमार सिंह, सुचेता खेमका, जयश्री प्रकाश सिंह, ब्रजमोहन महाजन, छत्रसाल सिंह, नरेंद्र सिंह, नंद किशोर सिंह ने लुभावने स्कीम बताकर निवेश कराने का झांसा दिया था। बाद में पवन व अन्य एजेंटों ने शहर में तकरीबन 291 लोगों की पूंजी कंपनियों में निवेश कराई थी। लेकिन रकम लेने के बाद कंपनियों के दफ्तर बंद करके फरार हो गए। कंपनियों ने देश भर में हजारों करोड़ रुपये हड़पे।
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ईडी ने जब्त की करोड़ों की सम्पत्ति
कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद पिछले वर्ष शासन ने मुकदमे की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित की थी। इसके बाद ईडी पूर्व में आरोपितों की करीब 239 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका था। जब्त की गई संपत्तियों में हिमाचल प्रदेश के कुफरी स्थित रिसॉर्ट तथा पंजाब व हरियाणा की कई संपत्तियां शामिल हैं।