राजस्थान के करौली में शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को पथराव की घटना के बाद राजस्थान में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने घरों पर धार्मिक झंडे फहराने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा जुलूसों और शोभा यात्राओं के दौरान डीजे बजाने को लेकर पाबंदियाँ लगाई हैं। यह पाबंदियाँ दुर्गा अष्टमी, राम नवमी, महावीर जयंती और हनुमान जयंती आदि हिंदू त्योहारों को चिह्नित करने के लिए किए जा रहे हैं। राज्य के कई जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 लागू कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि राज्य सरकार ने धार्मिक झंडों के इस्तेमाल या उन्हें निजी स्थानों पर लगाने पर रोक लगा दी है। इस दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पाबंदी है। जारी किए गए फरमान के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति या संस्था को किसी भी समारोह या उत्सव में डीजे का इस्तेमाल करने के लिए अनिवार्य रूप से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
दिशानिर्देशों के अनुसार, आयोजकों को जुलूस, रैलियों और डीजे सिस्टम के उपयोग के लिए एक हलफनामा और अनुरोध पत्र प्रस्तुत करना होगा। साथ ही साथ डीजे सिस्टम के माध्यम से चलाई जाने वाली सामग्री का विवरण भी देना होगा। पुलिस अपनी चेकलिस्ट में यह भी जाँच करेगी कि उन्होंने डीजे के कंटेंट की जाँच की है या नहीं।
इसके अलावा, राजस्थान सरकार ने कहा है कि लोगों को घर के आगे से गुजरने वाली शोभा यात्रा को देखने के लिए अपने घरों की छतों पर खड़े होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में कहा गया है कि शोभायात्रा के दौरान ड्रोन से नजर रखी जाएगी और शोभायात्रा के रास्ते में आने वाले सभी घरों पर राजस्थान पुलिस की तरफ से बाहर से ताला लगा दिया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सभी सार्वजनिक और धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होगी। जिसके बाद उन्हें सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच दी यह अनुमति दी जाएगी। हैरानी की बात यह है कि हिंदू त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल से होने वाले ‘ध्वनि प्रदूषण’ के बारे में इतना चिंतित दिखने वाला प्रशासन अज़ान के दौरान एक ही दिन में पाँच बार लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होने पर बेफिक्र रहता है।
दिलचस्प बात यह है कि यह प्रतिबंध 7 अप्रैल, 2022 को लागू हुआ और 9 मई तक लागू रहेगा। इस बीच महावीर जयंती, दुर्गा अष्टमी, अम्बेडकर जयंती, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे हिंदू त्योहार हैं।
बता दें कि राजस्थान के करौली जिले के फूटा कोट इलाके में शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को हिन्दू नव वर्ष (नव संवत्सर) के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही एक बाइक रैली पर पथराव के बाद एक दुकान और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया।
गौरतलब है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने रमजान के पाक महीने में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए थे। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने निर्देश जारी कर कहा था कि रमजान के पूरे महीने में किसी भी मुस्लिम बहुल इलाके में बिजली कटौती नहीं होगी।