कैबिनेट मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने मंगलवार को कहा कि कोर्ट के वंरट पर वह 10 अगस्त को जरूर पेश होंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. जानकारी होती तो पहले ही कोर्ट में पेश हो गया होता. साथ ही संजय निषाद ने कहा कि उनके ऊपर फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज कराया गया था. 2015 में सहजनवां के कसरावल में हुए घटना के बाद सपा सरकार ने मुझपर मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद मैंने कोर्ट के माध्यम से पुलिस वालों पर भी मुकदमा दर्ज कराया है. अब इस केस में कोर्ट का जो भी आदेश होगा वो पूरी तरह से मान्य होगा.
विरोधियों द्वारा सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचने पर कहा कि ये पूरी तरह से गलत है. पहले मैं सड़क से अपने समाज के लिए लड़ाई लड़ रहा था. समाज ने मुझे ताकत दी तो आज 11 विधायक सदन में लड़ाई लड़ रहे हैं. एक लोकसभा सांसद और मैं एमएलसी बनकर समाज की बात को सरकार तक पहुंचा रहा हूं और उनके हक की आवाज को उठा रहा हूं. जहां तक रही निषाद समाज के हित की बात तो जबसे मैं मंत्री बना हूं लगातार उनके हित के लिए काम कर रहा हूं. केन्द्र और प्रदेश सरकार से बजट जारी करवाया है. साथ ही दावा किया कि यूपी सरकार ने निषादों के आरक्षण की दिशा में भी कदम आगे बढ़ा दिया है. संजय निषाद ने कहा कि 2015 में हुए आन्दोलन में जो लोग शामिल थे मैं उनके साथ हमेशा खड़ा रहा हूं. समाज की हित की लड़ाई मैं हमेशा लड़ता रहूंगा.
2015 में हुआ था बड़ा आंदोलन
बता दें कि 7 जून 2015 को निषाद समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर संजय निषाद के अगुवाई में सहजनवा के कसरावल में बड़ा आन्दोलन हुआ था. इस आन्दोलन में आन्दोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था. जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था. इसी में एक आन्दोलनकारी की मौत हो गयी थी. जिसके बाद आन्दोलनकारियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. उस घटना के बाद संजय निषाद पर मुकदमा दर्ज हुआ था और वो जमानत पर हैं. इसी मामले में कोर्ट के सम्मन के बाद जब वो पेश नहीं हुए तो गैर जमानती वारंट कोर्ट ने जारी किया.
कसरावल की घटना से संजय निषाद का राजनीतिक कद बढ़ा
कसरावल की इस घटना के बाद संजय निषाद का राजनीतिक कैरियर आगे बढ़ने लगा. 2017 के विधानसभा चुनावों में भले ही उन्हें सिर्फ एक सीट पर सफलता मिली हो पर उन्होंने कई सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायी थी. जिसके बाद 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में अपने बेटे को सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतार दिया. बीजेपी की अजेय सीट पर सपा प्रत्याशी विजयी हुए. 2019 के लोकसभा चुनावों में संजय निषाद ने पलटी मारते हुए अपने बेटे को संतकबीरनगर से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा भेज दिया. 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 16 सीटें निषाद पार्टी को दी जिसमें से 11 सीटों पर विजयी हुए. हालांकि इसमें अधिकतर बीजेपी के ही सिम्बल पर चुनाव लड़े थे. जिसमें चौरी चौरा से संजय निषाद के छोटे बेटे जो बीजेपी के सिंबल पर विधायक चुने गये. संजय निषाद बीजेपी के कोटे से एमएलसी बनाये गये और मौजूदा वक्त में कैबिनेट मंत्री हैं.