दिल्ली सीमा पर जारी आंदोलन के बीच टूटा किसान का सब्र, जहर पीकर दे दी जान

कृषि कानून के विरोध में जहां देश भर में एक ओर किसान आंदोलन कर रहे है, कृषि बिल को लेकर सरकार और किसानों के बीच तनातनी चल रही है, वहीँ दूसरी तरफ, कर्ज में डूबे कई किसानों की आत्महत्या की खबरें भी सामने आ रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के एक किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है जिसने कर्ज से परेशान होकर अपनी जान दे दी।

किसान ने इस वजह से की आत्महत्या

दरअसल, किसान अक्सर तनाव में रहता था, उसने लोन पर एक ट्रैक्टर लिया था जिसकी किश्त की राशि नहीं चुका पा रहा था। इसी तनाव के चलते 2 दिन पहले किसान ने जहर खा लिया था। मामले की जानकारी मिलते ही किसान को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन 14 दिसंबर की रात को इलाज के दौरान अपनी जिंदगी से हार कर दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक, किसान का नाम दशन राम है। वह सरगुजा जिले के धौरपुर थाना अंतर्गत ग्राम बबौली का रहने वाला है। किसान दशन राम ने 12 दिसंबर की रात अचानक जहर खा लिया। घरवालों को पता चलते ही उसे अस्पताल में भर्ती भी कराया गया लेकिन उसे बचा न पाये। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार को उनका शव परिजनों को सौंप दिया।

मृतक के बेटे ने बताया कि कर्ज का दबाब के चलते पिता हमेशा चिंता में रहते थे, इसी कारण किसान ने जहर खा कर अपनी जान दे दी। बेटे का कहना है कि उसके पिता ने 2 साल पहले बैंक लोन पर ट्रैक्टर खरीदा था। हर 6 महीने में 63 हजार रुपए किश्त चुकानी पड़ती थी। लेकिन 2 बार वह लोग किश्त की राशि नहीं चुका पाए थे। बैंक में किश्त की राशि 1 लाख 15 हजार बकाया थी, इसे लेकर पिता परेशान रहते थे।

गौरतलब है कि इसके पहले बीजापुर और राजनांदगांव के दो किसान भी आत्महत्या कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव का कहना है कि इस प्रकार की घटना दुखद है। इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए। समाज व प्रशासन का ध्यान इस ओर जाना चाहिए। मृतक व्यक्ति अगर किसान के रूप में पंजीकृत थे तो उन्हें क्षतिपूर्ति राशि प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा अगर किसी भी प्रकार का प्रावधान होगा तो हम उस प्रावधान के तहत मदद पहुंचाएंगे।

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पुलिस प्रभारी पुष्पा तिर्की का कहना है कि यह मामला धौरपुर से आया है। जहां किसान ने किस्त ने भर पाने के तनाव के चलते जहर पी लिया था। 14 तारीख के उनकी मृत्यु हो गई। उनके बेटे ने अपने बयान में बताया कि उसके पिता ने एक ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था जिसकी किस्त न चुका पाने के तनाव के कारण जहर पी लिया। जिसके बाद प्राथमिक इलाज के लिए उन्हें धौरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। किसान की तबियत बिगड़ते देख अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई।