उत्तर प्रदेश में तीन दशक बाद किसी दल की लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का गौरव पाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में शामिल होने वाले मंत्रियों के नाम पर भी गहन मंथन किया है। माना जा रहा है कि 25 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले मंत्री पहले भी अपेक्षा अधिक युवा तथा शिक्षित होंगे। इस बार तो महिलाओं को भी अधिक संख्या में मंत्री पद दिया जाएगा, जबकि दलित तथा पिछड़ों की संख्या भी बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर लगातार दूसरी बार काबिज होने वाली भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य अब 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के गठन में भी मिशन 2024 पर फोकस रहेगा। क्षेत्र तथा जातीय संतुलन भी साधा जाएगा। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल 2.0 में तीन उप मुख्यमंत्री सहित 28 कैबिनेट मंत्री शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल में 62 लोगों को शामिल किया जाएगा। जिसमें 11 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री तथा 23 राज्यमंत्री रहेंगे। मंत्रिमंडल में अपना दल तथा निषाद पार्टी से एक-एक कैबिनेट तथा एक-एक राज्य मंत्री बनेगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए योगी आदित्यनाथ और नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में दलित व पिछड़ों को मजबूती से जोडऩे के प्रयास अभी भी जारी रहेगा। माना जा रहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलित और पिछड़ों को तवज्जों की नीति जारी रहेगी। दलित और पिछड़ा वर्ग के विधायकों में बड़ी संख्या में मंत्री बनाए जा सकते हैं। इससे भाजपा के संदेश सबका साथ, सबका विकास को विस्तार भी मिलेगा।
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल 2.0 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, ब्यूरोक्रेट अरविंद कुमार शर्मा तथा बेबी रानी मौर्या का नाम डिप्टी सीएम के लिए चर्चा में है। इनके साथ ही 15 पुराने मंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश कुमार खन्ना, ब्रजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, श्रीकांत शर्मा, जय प्रताप सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी, भूपेन्द्र चौधरी, अनिल राजभर, आशुतोष टंडन, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदीÓ, कपिल देव अग्रवाल, जितिन प्रसाद, रविंद्र जायसवाल तथा चौधरी लक्ष्मीनारायण का तो मंत्री बनना लगभग तय है।
योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के गठन के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार मंत्रिमंडल में जातीय के साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा। नए मंत्रियों के रूप में कन्नौज से विधायक असीम अरुण, हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल, फर्रुखाबाद के मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, कायमगंज की डॉ. सुरभि, प्रयागराज के वाचस्पति, इटावा से सरिता भदौरिया, मैनपुरी से जय वीर सिंह, मऊ से रामविलास चौहान तथा देवबंद से कुंवर ब्रजेश को भी जगह मिल सकती है। अयोध्या के रुदौली से विधायक रामचंद्र यादव, तुमकहीराज से विधायक असीम राय, फाजिलनगर से विधायक सुरेन्द्र कुशवाहा, चिल्लूपार से विधायक राजेश त्रिपाठी, देवरिया से विधायक शलभ मणि त्रिपाठी तथा लखनऊ के सरोजनीनगर से विधायक राजेश्वर सिंह को भी मौका मिल सकता है। गाजियाबाद के साहिबाबाद से रिकार्ड मतों से जीतने वाले विधायक सुनील शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के नाम की भी जोरदार चर्चा है।
महिलाओं में बलिया के बांसडीह से रामगोविंद चौधरी को हराने वाली केतकी सिंह, कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं रायबरेली सदर विधायक आदिति सिंह, सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव तथा हाथरस से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह माहौर को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
भाजपा अपने सहयोगी दलों का भी ख्याल रखेगी। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद तो कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं जबकि उनके बेटे गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से विधायक श्रवण कुमार निषाद भी मंत्री बन सकते हैं। इसके साथ ही अपना दल से एलएलसी आशीष पटेल के अलावा एक और मंत्री बनाया जा सकता है। आशीष तो कैबिनेट मंत्री बनेंगे।
माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल 2.0 पहले वाले भी अपेक्षा अधिक युवा, शिक्षित तथा महिलाओं की बढ़ी संख्या वाला होगा। इस बार तो कई ब्यूरोक्रेट भी मंत्रिमंडल में रहेंगे। इनके साथ दलित, ओबीसी तथा मुस्लिम की संख्या भी बढ़ सकती है। साफ-सुथरी छवि वाले विधायकों को अधिक संख्या में मंत्री बनाया जाएगा। संगठन के लोगों को भी मौका मिलेगा, जबकि पहले मंत्री रहे विधायकों को अब संगठन के काम में लगाया जाएगा।
कुछ नामों पर अब भी मंथन : योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में शामिल होने वाले कुछ नामों पर अब भी मंथन चल रहा है। यह तय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को विशेष तौर पर ध्यान में रखकर गठित की जा रही नई सरकार में पार्टी जातीय-क्षेत्रीय समीकरण साधने के साथ ही युवाओं और महिलाओं को तरजीह देना चाहती है। बसपा से कटकर अच्छी संख्या में भाजपा से जुड़े नजर आए दलित वोटबैंक को भी जोड़े रखने का प्रयास होगा। इस बार भी जीते पुराने लगभग सभी मंत्रियों की वापसी तय मानी जा रही है। इसके साथ ही नए विधायकों को पर्याप्त संख्या में स्थान मिलेगा। कहा जा रहा है कि कुछ ऐसे चौंकाने वाले चेहरे में भी मंत्रिमंडल में नजर आ सकते हैं, जो अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
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गोरखपुर से लौटने के बाद मंत्रिमंडल के गठन को लेकर मंथन में जुटे योगी आदित्यनाथ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार शाम को गोरखपुर से लौटे। अपने सरकारी आवास में लोगों से मिलने के बाद देर शाम उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ङ्क्षसह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ विधायक दल की बैठक और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों आदि पर चर्चा की। इस दौरान मंत्रियों तथा उप मुख्यमंत्री के नाम पर भी मंथन किया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में शामिल होने वाले मंत्रियों के नाम पर लखनऊ और दिल्ली में हुई लगातार बैठकों के बाद निर्णय लिया जा चुका है।