भाजपा के तीन सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जांच पूरी होने तक उन्हें सदन से तत्काल निलंबित करने का अनुरोध किया है। भाजपा सांसदों ने इस घटना को अभूतपूर्व हिंसा बताया जो वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय पैनल की बैठक के दौरान हुई। निशिकांत दुबे, अपराजिता सारंगी और अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में निचले सदन से बनर्जी की सदस्यता रद्द करने की संभावना का मूल्यांकन करने के लिए लोकसभा आचार समिति द्वारा जांच की भी मांग की गई है।
मंगलवार को वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की बैठक में भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी नोकझोंक के दौरान बनर्जी ने कांच की पानी की बोतल तोड़ दी और कथित तौर पर उसे समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल की ओर फेंक दिया।
भाजपा सांसदों ने बताया गुंडागर्दी और अक्षम्य हिंसा का कृत्य
मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने संयुक्त पत्र में भाजपा सदस्यों ने कहा कि उन्होंने और समिति के अन्य सदस्यों ने संसदीय समिति की बैठक के दौरान बनर्जी की गुंडागर्दी और अक्षम्य हिंसा देखी।
भाजपा सासंदों ने कहा कि कल्याण बनर्जी द्वारा प्रदर्शित गुंडागर्दी और अक्षम्य हिंसा ने एक संसद सदस्य से अपेक्षित सभ्य आचरण की सभी सीमाओं को पार कर दिया है, जो अब अध्यक्ष जगदम्बिका पाल पर जानलेवा हमला बन गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए आपके द्वारा कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है, अन्यथा हमारी संसदीय शासन प्रणाली इतनी खराब हो जाएगी कि उसे सुधारा नहीं जा सकेगा।
बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है
भाजपा सांसदों ने पाल पर अभूतपूर्व गुंडागर्दी, अक्षम्य हिंसा और जानलेवा हमला के लिए बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि बनर्जी को पुलिस हिरासत में रखा जाए, उनसे पूछताछ की जाए और उचित कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच की जाए।
उन्होंने मांग की कि लोकसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम के नियम 316बी (ए) के अनुसार, संसद सदस्य कल्याण बनर्जी के अनैतिक आचरण को उनकी सदस्यता रद्द करने पर विचार करने के लिए जांच, जांच और रिपोर्ट के लिए आचार समिति को भेजा जाना चाहिए।”
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भाजपा सांसदों ने कहा कि उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई लंबित रहने तक बनर्जी को सदन और उसकी समितियों की कार्यवाही से निलंबित किया जा सकता है तथा उनके खिलाफ जांच पूरी होने तक संसद परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगाई जा सकती है।