जम्मू-कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने समेत केंद्र शासित प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह पदभार संभालने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की अपनी पहली यात्रा के दौरान अब्दुल्ला ने गृह मंत्री से करीब 30 मिनट तक मुलाकात की।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी, जिसके दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को स्थिति से अवगत कराया और राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर भी चर्चा की।
उमर अब्दुल्ला के पीएम मोदी से मिलने की संभावना
मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा गंदेरबल जिले के गंगनगीर इलाके में हुए आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जहां तीन दिन पहले ही एक डॉक्टर सहित सात लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की उम्मीद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी संभावित बैठक शामिल है।
अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में उल्लेखनीय जीत हासिल की और 90 में से 42 सीटें हासिल कीं।
राज्य का दर्जा बहाल करना
उनकी पहली कैबिनेट बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा उसके मूल स्वरूप में बहाल करने का आह्वान किया गया।
इस बहाली को उपचार प्रक्रिया शुरू करने, संवैधानिक अधिकारों को पुनः स्थापित करने तथा क्षेत्र के निवासियों की विशिष्ट पहचान की रक्षा करने के लिए एक आवश्यक उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल के समर्थन से मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत करने का अधिकार है। प्रस्ताव को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मंजूरी मिल गई।
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उल्लेखनीय है कि 2019 में जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठन के बाद से पुलिस बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।