इस संकट की घड़ी में देश जहां एक तरफ कोरोना जैसी भयानक महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों के बीच भी हमलों का दौर जारी है। इसी क्रम में अब भारतीय जनता पार्टी के सासंद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर संसद की सूचना एवं प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष के तौर पर अपने पद का इस्तेमाल केन्द्र सरकार की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं। समिति के सदस्य दुबे ने पत्र में ‘टूलकिट मुद्दे’ पर केन्द्र सरकार के बारे में की गईं थरूर की हालिया टिप्पणियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शशि थरूर को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने मांग की।
सासंद निशिकांत दुबे ने थरूर पर ‘समिति को कांग्रेस के विस्तार के रूप में इस्तेमाल करने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि थरूर को देश से ज्यादा अपनी पार्टी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एजेंडे की चिंता है। दुबे ने कहा, “हाल ही में, ट्विटर टूलकिट विवाद पर वह सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं, जबकि ट्विटर की कार्रवाई इस देश के आईटी कानून के खिलाफ है।
शशि थरूर ने कहा- समिति पहले से ही कर रही है जांच
शशि थरूर ने कई ट्वीट करते हुए कहा कि समिति पहले से ही “नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सोशल व ऑनलाइन मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की रोकथाम” विषय की जांच कर रही है, जो इस मुद्दे से संबंधित है। इसलिए यह संबंधित मंत्रालय से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए समिति के अधिकार के अंदर है। उन्होंने स्थापित प्रथा और अच्छे फॉर्म का हवाला दिया और संसदीय समिति के काम से संबंधित मुद्दों को उठाने वाले सदस्यों को सलाह दी कि वे बिना चर्चा के मीडिया में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के बजाय अध्यक्ष या समिति सचिवालय के साथ सीधे संवाद करें।
शशि थरूर ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मैनिपुलेटेड मीडिया आरोपों का हवाला दिया और स्पष्ट किया कि मौजूदा परिस्थितियों में बैठक करने के लिए समिति की अक्षमता को देखते हुए यह आवश्यकता के अनुसार मंत्रालयों के साथ लिखित में संवाद किया जाए। उन्होंने कहा, ‘मैनिपुलेटेड मीडिया पर ट्विटर के साथ आईटी मंत्रालय के कॉन्टेक्ट्स के विषय पर समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 4 और 25 मई को ईमेल लिखा और 26 मई को एक विस्तृत व व्यापक उत्तर मिला, जो सभी सदस्यों को उनकी जानकारी के लिए दिया जा रहा है।’
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बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप
पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ से संबंधित बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को ‘छेड़छाड़ किया हुआ’ बताया था। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर कोरोना के नए स्वरूप को ‘भारतीय स्वरूप’ या ‘मोदी स्वरूप’ बताया और देश व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया। हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि बीजेपी उसे बदनाम करने के लिए फर्जी ‘टूलकिट’ का सहारा ले रही है। कांग्रेस ने बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस में ‘जालसाजी’ का मामला भी दर्ज कराया है। कांग्रेस ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले में मंगलवार को 11 केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट का हवाला देते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से आग्रह किया कि इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके ट्वीट को भी ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया जाए।