कर्नाटक के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को एक कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल का एक लेख साझा करना काफी महंगा पड़ा है। दरअसल, इस लेख की वजह से भाजपा सांसद कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ गलत सूचना के माध्यम से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। साथ ही पुलिस थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है।
भाजपा सांसद ने शेयर की थी कन्नड़ न्यूज पोर्टल की खबर
दरअसल, बीते गुरूवार को बेंगलुरु साउथ का प्रतिनिधित्व करने वाले तेजस्वी सूर्या ने प्लैटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल का एक लेख साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि एक किसान, रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिका ने यह पता चलने के बाद आत्महत्या कर ली कि उसकी ज़मीन वक्फ बोर्ड ने ले ली है। सूर्या ने राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक मामलों से निपटने की आलोचना की, साथ ही आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्रवाई कर्नाटक में अशांति पैदा कर रही है।
बाद में यह पता चलने के बाद कि दावे निराधार थे, पोस्ट को हटा दिया गया। हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने स्पष्ट किया कि रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिका की आत्महत्या 6 जनवरी, 2022 को हुई थी, लेकिन इसका वक्फ बोर्ड भूमि विवाद से कोई संबंध नहीं था। एसपी ने पुष्टि की कि आत्महत्या का कारण फसल के नुकसान और बकाया ऋणों से वित्तीय दबाव था। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 174 के तहत एक अंतिम रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है, और मामले में कोई नई जांच नहीं हुई है।
एसपी ने एक बयान में कहा कि तेजस्वी सूर्या द्वारा साझा की गई खबर पूरी तरह से झूठी है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, और प्रस्तुत की गई जानकारी भ्रामक है।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
फर्जी खबरों के प्रसार के जवाब में, हावेरी जिला पुलिस ने विभिन्न समूहों के बीच नफरत, दुर्भावना या दुश्मनी को बढ़ावा देने के इरादे से बयान प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) के तहत मामला दर्ज किया। हावेरी जिला पुलिस के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल में काम करने वाले एक अधिकारी की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया।
सूर्या के अलावा, दो कन्नड़ समाचार पोर्टलों, कन्नड़ दुनिया और कन्नड़ समाचार के संपादकों को भी मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रसारित करने में उनकी भूमिका के लिए एफआईआर में नामित किया गया है।
इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, विपक्षी दलों ने भाजपा सांसद पर गलत सूचना के माध्यम से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच अब हावेरी में साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस द्वारा की जा रही है।
इस घटनाक्रम ने गलत सूचना फैलाने में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव तथा सार्वजनिक शांति एवं सद्भाव को बाधित करने की इसकी क्षमता के बारे में चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं।
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