कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लगे लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा शुरू की घर-घर राशन योजना नई सियासी जंग की वजह बन गई है। दरअसल, इस योजना को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीजेपी नीत केंद्र सरकार के बीच तीखी जंग शुरू हो गई है। अभी तक जहां केजरीवाल ने इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप मढ़ते नजर आ रहे थे। वहीं, अब बीजेपी ने इन आरोपों पर तगड़ा पलटवार किया है।
बीजेपी प्रवक्ता ने बयां की राशन योजना की सच्चाई
दरअसल, केजरीवाल द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोप पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तगड़ा पलटवार किया है। संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बरगलाने की कोशिश की है। केजरीवाल ने राशन योजना पर झूठ बोला है। केंद्र सरकार होमस्टेप डिलीवरी राशन योजना को नहीं रोक रही है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल जी ने आज बात रखी है कि मोदी जी दिल्ली की गरीब जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रहें और घर-घर राशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं हैं। मोदी जी नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट और पीएम गरीब कल्याण योजना द्वारा दिल्ली के जरूरतमंदों को राशन पहुंचा रहे हैं। दो योजनाओं के तहत दिल्ली को अनाज का कोटा मिला है। गेंहु पर दिल्ली सरकार का 2 रुपये, केंद्र का 23 रुपये खर्च होता है। चावल पर दिल्ली का 2, केंद्र का 33 रुपये खर्च होता है। दिल्ली सरकार किसी दूसरी योजना के तहत घर-घर राशन भेज सकती है।
बीजेपी प्रवक्ता ने बताया कि मोदी सरकार ने दिल्ली को अभी तक नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट के अंतर्गत 37,400 मीट्रिक टन अनाज भेजा है और पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 5 जून तक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा है। दिल्ली 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68 फीसदी ही वो जनता को बांट पाए।
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आपको बता दें कि केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था। लेकिन केंद्र ने हमें ये कहकर रोक दिया कि हमने उनसे मंजूरी नहीं ली। जबकि हमने केंद्र से पांच बार मंजूरी मांगी थी।