बीते कुछ महीनों में गुजरात के ज्यादातर विधानसभाओं में कांग्रेस ने एक ऐसी चिट्ठी बांट दी है, जिससे गुजरात की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल मच गई है कहां गुजरात में चर्चाएं हो रही थी कि कांग्रेस के कोई भी कद्दावर नेता और पार्टी का कोई भी बड़ा चेहरा अब तक जमीन पर उतर कर माहौल नहीं बना पा रहा है। वही इस चिट्ठी बांटे जाने की जानकारी सामने आने के बाद विरोधी दलों कि नेता भी उसी रणनीति पर काम करते हुए डोर-टू-डोर प्रचार की योजना बनाने लगे हैं। जबकि कांग्रेस बीते कुछ महीनों से डोर-टू-डोर चला रहे इस प्रचार अभियान की जगह पर अब अपनी रैलियों और बड़ी जनसभाओं को करने की योजना बनाने लगी है।
फिलहाल गुजरात में कांग्रेस के चल रहे इस “अंडर ग्राउंड मिशन” से पार्टी यह मानकर चल रही है कि उसने ज्यादा से ज्यादा लोगों से सीधे संपर्क कर लिया है जो कि आने वाले चुनावों में उसके लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने बीते कुछ महीनों से गुजरात की सभी विधानसभाओं में जाने के लिए अंदरूनी तौर पर एक रणनीति बनाई थी। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने गुजरात के सभी जिलों में अपनी कमेटी को न सिर्फ सक्रिय किया बल्कि राज्य की सभी 182 विधानसभा में बूथवार एक संकल्प पत्र वितरित करने की योजना बनाई। इस योजना के तहत तकरीबन पांच महीने पहले पार्टी के आलाकमान से चर्चा करने के बाद गुजरात राज्य इकाई ने अपने सभी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव और बूथ पर जाकर पार्टी की नीतियों और राहुल गांधी के आठ संकल्पों के बारे में पत्र के माध्यम से संपर्क करना शुरू किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने मिलकर राहुल गांधी के संकल्प पत्त की चिट्ठी को जनता के बीच तक पहुंचाना शुरू कर दिया।
संकल्प पत्र के माध्यम से तैयार की गई इस चिट्ठी में कांग्रेस को मजबूत करने के साथ-साथ जनता के प्रति कांग्रेस की जवाबदेही के बारे में भी जिक्र किया गया है।नगुजरात कांग्रेस से जुड़े हुए एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस बार हमारी पार्टी ने भले ही हो हल्ला न किया हो। दूसरी पार्टी के बड़े नेताओं की तरह बड़ी बड़ी रैलियां और बड़ी बड़ी जनसभाएं ना की हो। लेकिन कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता राज्य की प्रत्येक विधानसभा के हर वोटर से मिल चुका है। उक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि दूसरे राजनीतिक दल भले कांग्रेस को गुजरात में कमजोर आंक रहे हों लेकिन हकीकत कांग्रेस पार्टी और उनके मतदाताओं को पता है। दरअसल पार्टी ने अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए गांव गांव में बीते कई महीनों से लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया हैं।
गुजरात कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी के जिन आठ संकल्पों को लेकर जनता के बीच में उनके कार्यकर्ता पहुंचे हैं वह इस बार बहुत प्रभाव डालने वाला है। उनका कहना है कि इन संकल्पों में पार्टी की ओर से किए जाने वाले काम और जनता की ओर से उनको दिए जाने वाले सहयोग का न सिर्फ जिक्र है बल्कि उसको कैसे जमीन पर उतारना है उसका भी पूरा खाका तैयार है। वो कहते हैं कि कांग्रेस बीते कई महीनों से लगातार डोर टू डोर प्रचार कर रही है। उनका कहना है ऐसे डोर टू डोर प्रचार में बड़ी रैलियां और बड़ी जनसभाएं नहीं होती हैं। उन्हें लेकिन कांग्रेस ने इस बार कुछ अलग हटकर करने की कोशिश की और उसी कड़ी में जनता के दर पर दस्तक देकर अब तक हर विधानसभा के मतदाताओं से सीधे संपर्क कर लिया है।
गुजरात कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि उनकी पार्टी ने राहुल गांधी के जो वचन पत्र बांटे हैं वह आंकड़ों में तकरीबन दो करोड़ लोगों तक पहुंच चुके हैं। कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता जो कि गुजरात में कांग्रेस की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख व्यक्ति हैं उनका कहना है कि अब उनकी योजना डोर टू डोर प्रचार के साथ-साथ बड़ी रैलियों चुनावी जनसभाओ के माध्यम से जनता से ऐसे भी मुखातिब होने की तैयारी चल रही है। गुजरात कांग्रेस के चुनाव समिति से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी जल्द ही संकल्प यात्रा निकालने जा रही हैं। संकल्प यात्रा के माध्यम से गुजरात के अलग-अलग क्षेत्रों में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता और बड़े कार्यकर्ता पहुंचेंगे। इसमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे, जबकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दिग्विजय सिंह समेत कई अन्य बड़े नेताओं को ऐसी रैलियों में जाने के निर्देश मिल चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि इस परिवर्तन संकल्प यात्रा से पार्टी गुजरात की सभी विधानसभाओं में पहुंचकर जनता से एक बार फिर सीधे रूबरू होगी। योजना के अनुसार गुजरात के पांच अलग-अलग बड़े शहरों से इस यात्रा को निकाला जाएगा। एक यात्रा एक सप्ताह से दस दिनों तक चलेगी। गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी कहते हैं कि पार्टी मजबूती के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ रही है। उनका कहना है कि वह बेवजह का माहौल नहीं बनाते हैं बल्कि सीधे जनता से संपर्क करके उनके दुख दर्द को समझ कर उसके निदान और पार्टी की अपनी योजनाओं के बारे में अवगत कराते हैं।