बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से भाजपा को लेकर प्रतिज्ञा ले ली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अब जीवन में कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। दरअसल, नीतीश कुमार शुक्रवार को समस्तीपुर दौरे पर थे जहां उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं बिहार की प्रगति के लिए काम करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपने पूरे जीवन भर में भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। उन्होंने कहा कि बिहार देश की प्रगति के लिए समाजवादियों के साथ काम करेंगे। हालांकि इससे पहले भी जब वह 2013 में भाजपा से अलग हुए थे तभी उन्होंने ठीक इसी तरह की प्रतिज्ञा ली थी।
अपने पुराने सहयोगी पर हमला करते हुए नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि पहले भाजपा के पास लोगों के विकास को लेकर विजन था। लेकिन अब वे सिर्फ बात करते हैं। बीजेपी के लोग अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं महागठबंधन को छोड़कर भाजपा के साथ चला गया था। लेकिन अब हम महागठबंधन में लौट आए हैं। बीजेपी पर नीतीश कुमार ने झगड़ा लगाने का भी आरोप लगा दिया। नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा समाज में झगड़ा लगाने का काम करती है। देश के विकास से उसका कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले 2013 में भी भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि अब वह मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन 2017 में दोबारा में भाजपा के साथ गठबंधन में गए।
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नीतीश कुमार ने भाजपा के नेतृत्व पर अहंकारी होने का आरोप लगाया और अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के युग को याद किया। भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने लालू जी के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके कारण मैंने उनसे अपने संबंध तोड़ लिए। इसका कुछ परिणाम नहीं आया। और अब जब हम फिर साथ हैं तो वे नए मामले दर्ज कर रहे हैं। आप इन लोगों के कामकाज की शैली को समझ सकते हैं।’’ पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद का नाम कुछ साल पहले आईआरसीटीसी के होटल घोटाले में आया था जिसमें उनके बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया था जो उस समय उपमुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल निभा रहे थे। इन घटनाओं के बाद अपनी छवि को ध्यान में रखते हुए नीतीया कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर राजग से हाथ मिला लिया था।