काशी के ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगार देवी मंदिर विवाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद की ओर से बड़ा बयान आया है. वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की बैठक में कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के बाद काशी के ज्ञानवापी पर परिषद की नजर है. वहां के प्रत्येक घटनाक्रम का सूक्ष्म अवलोकन किया जा रहा है. संगठन का मानना है कि अयोध्या की तरह ज्ञानवापी का हल भी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से निकलेगा.
प्रयागराज के केसर भवन में अनौपचारिक बातचीत में संगठन की ओर से किसी तरह के आंदोलन की रणनीति का खुलासा तो नहीं किया गया, लेकिन न्यायालय की तरफ से कराए जा रहे सर्वे का समर्थन किया. तिवारी ने कहा कि विवादित स्थान पर सर्वे टीम को जाने से रोकना और वीडियोग्राफी न होने देना कुछ लोगों के कुचक्र को उजागर करता है. विवादित परिसर की दीवारों और स्तंभों पर हिंदू धर्म के चिह्न और प्रतीक अंकित हैं. ज्ञानवापी नाम ही सनातनी परंपरा का द्योतक है.
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तिवारी ने आरोप लगाया कि, ‘जो लोग इसे लेकर लड़ रहे हैं, उनका एक मात्र लक्ष्य है कि भारतीय भू-भाग में अधिक से अधिक जमीन कब्जा किया जाए. कहीं मस्जिद के नाम पर तो कहीं मदरसा, मजार व कब्रिस्तान के लिए. उनका लक्ष्य सनातन संस्कृति और परंपरा को नुकसान पहुंचाना है. समाज जागृत हो रहा है. उसमें उत्साह है. हिंदू समाज के प्रति जो नकारात्मक गतिविधियां चल रही हैं उनका प्रतिरोध हो रहा है.