नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना सातवां बजट पेश कर दिया। उनका 1 घंटे 23 मिनट का भाषण नौकरी पेशा वर्ग के लिए थोड़ी राहत लेकर आया। नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है।
यानी उन्हें 17.5 हजार रुपए का फायदा हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया गया। इसके अलावा 0 से 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। 3 से 7 लाख रुपए तक 5 फीसदी, 7 से 10 लाख रुपए तक 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपए तक 15 फीसदी। 12 से 15 लाख तक 20 फीसदी। 15 लाख से ज्यादा की सैलरी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
अभी इंडिविजुअल इनकम टैक्स की दो व्यवस्थाएं मौजूद हैं, जिन्हें ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम के नाम से जाना जाता है। नई टैक्स व्यवस्था को अब डिफॉल्ट बना दिया गया है। यानी कोई टैक्सपेयर अगर रिजीम नहीं चुनता है तो उसका आईटीआर नई व्यवस्था में फाइल होगा। पुरानी टैक्स व्यवस्था में आईटीआर भरने के लिए टैक्सपेयर्स को अलग से डिक्लेरेशन देने की जरूरत पड़ रही है. इसका कारण है कि सरकार नई कर व्यवस्था को स्वाभाविक विकल्प बनाना चाहती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में टैक्स से जुड़े जिन बदलावों का ऐलान किया था, वे सारे बदलाव नई कर व्यवस्था में ही किए गए थे। ओल्ड टैक्स रिजीम में उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया था। नई व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स रिजिम बनाने का फैसला भी पिछले बजट में किया गया था।
वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी ऐलान किया था. उसके साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुए थे। टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 की गई थी। रिवाइज्ड स्लैब के तहत, 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।
3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर की सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine