केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को दिल्ली पुलिस की 76वीं स्थापना दिवस परेड में शामिल हुए. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि मैं 75 साल से अधिक की विरासत का हिस्सा हूं. दिल्ली पुलिस आजादी के बाद से आज तक अपने काम के लिए जानी जाती है और पूरे देश द्वारा इसकी सराहना की गई है. मैं उन जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं, जिन्होंने सेवा में अपने जीवन का बलिदान दिया. आजादी के बाद, दिल्ली पुलिस शांति, सेवा, न्याय के नारे के साथ आगे बढ़ी और अपने काम और कामकाज में बदलाव लाया है, जो देश के लिए फायदेमंद है.
इस मौके पर उन्होंने बड़ा ऐलान किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता यानी IPC, आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी CRPC और एविडेंस एक्ट के कुछ कानूनों में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आजादी के पहले पुलिस के काम में सेवा का नाम नहीं होता था, लेकीन अब खूब सेवा भाव है. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान दिल्ली पुलिस के योगदान की खूब तारीफ हुई. दिल्ली में रहने वाले भारत के नागरिकों को अपने पासपोर्ट के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे अब 5 दिनों के भीतर पुलिस मंजूरी प्राप्त करेंगे. मोबाइल कैमरे द्वारा पासपोर्ट सेवा का सत्यापन होगा.
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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत की कानून और व्यवस्था, सुरक्षा ने 2014 के बाद से सकारात्मक विकास देखा है. इससे पहले कश्मीर में हर दिन विरोध प्रदर्शन, पथराव और आगजनी के लिए एक जगह हुआ करती थी. आज कश्मीर पर्यटकों से भरा हुआ है. देश के नागरिक बहुत सशक्त महसूस करते हैं, जब वे कश्मीर के बारे में सोचते हैं, देश भर में यात्रा करते हैं. वामपंथी राजनीति और उग्रवाद के उदाहरण अब काफी कम हो गए हैं. अमित शाह ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था से लेकर जम्मू-कश्मीर के अंदर जिस तरह से आतंकियों/पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई हुई, ये किसी से छुपा नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को मोबाइल फॉरेंसिक साइंस वैन उपलब्ध कराने से क्राइम के मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने और सबूतों को इकट्ठा करने में मदद मिलेगी.