दिल्ली में मंगलवार को 6,725 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए, जो राजधानी में दर्ज किए गए अब तक के सबसे अधिक मामले हैं। दिल्ली में मामलों की कुल संख्या बढ़कर 4,03,096 हो गई है। इससे पहले 30 अक्टूबर को 5,891 नए मामले दर्ज किए गए थे। पिछले चौबीस घंटों में 48 लोगों ने कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया, जिससे यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 6,652 हो गई है।
दिल्ली में टूटा कोरोना रिकॉर्ड-
पिछले एक सप्ताह की बात करें तो सोमवार को सिर्फ 4001 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। इससे पहले दिल्ली में लगातार 5 दिन कोरोना के 5,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए थे।
राजधानी में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को बताया कि पिछले 15 दिनों में अपनी स्ट्रैटेजी को हमने फोकस किया है। एग्रेसिव कांटेक्ट ट्रेसिंग हम कर रहे हैं। कोई भी एक व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसके जितने भी कांटेक्ट हैं उन सब के हम टेस्ट कर रहे हैं, उसकी वजह से भी नंबर बढ़ रहे हैं।
सत्येंद्र जैन आगे कहा कि बहुत से लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जाते रहे हैं, उसका एक कारण है। कारण यह है कि जो दिल्ली से बाहर से आते हैं वो पहले से ही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का नाम सुनकर आते हैं और वह सीधा प्राइवेट में ही जाते हैं। दूसरा इस बार जो लोग पॉजिटिव हो रहे हैं वह अपर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास में ज्यादा हैं, क्योंकि दिल्ली में जब सबसे पहले फैला था वह घनी आबादी वाले इलाकों में फैला था लेकिन अबकी बार थोड़ा अपर मिडिल क्लास सेगमेंट में जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग ज्यादा पैसा चुका सकते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग प्राइवेट में जा रहे हैं। साथ ही इंश्योरेंस वाले बहुत से लोग हैं, जिनके पास इंश्योरेंस पॉलिसी है, वो प्राइवेट अस्पतालों में जा रहे हैं। मैं कहूंगा कि सरकारी हो या प्राइवेट हो, हर जगह ट्रीटमेंट प्रोटोकोल एक समान है। सरकारी हॉस्पिटल में बेड और आईसीयू उपलब्ध हैं।
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दिल्ली में अभी तक की कोरोना वायरस की संक्रमण दर बढक़र 8.36 फीसदी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राजधानी में अभी 36,375 सक्रिय मरीज हो गए हैं जिनमें से 21,521 मरीज अपने घरों में आइसोलेट हैं। 6798 मरीज अस्पतालों में हैं। इसी के साथ ही कंटेनमेंट जोन की संख्या बढक़र 3453 हो चुकी है। दिल्ली में अभी कोरोना वायरस की मृत्युदर 1.65 फीसदी दर्ज की गई है।