पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम राज्य भर में 36 ऐसे मामलों का अध्ययन कर रही है जहां भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। पीड़ितों ने सीधे तौर पर सीबीआई के पास इससे संबंधित शिकायत की है जिसके बाद जांच एजेंसी के अधिकारी इस बारे में पता लगा रहे हैं।

सीबीआई लगातार दर्ज कर रही एफआईआर
चुनावी हिंसा की जांच के लिए जिलों का दौरा कर रही सीबीआई अधिकारियों की टीम को लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं जहां चुनाव परिणाम के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया लेकिन पुलिस ने शिकायत तक दर्ज नहीं की।
पिछले हफ्ते, एजेंसी ने राज्य के पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित सभी मामलों का विवरण मांगा था। जिन 36 मामलों का अध्ययन सीबीआई की टीम कर रही है वे 19 अगस्त के कलकत्ता उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेश में उल्लिखित हत्या के मामलों के अतिरिक्त हैं। सीबीआई लगातार एफआईआर दर्ज कर रही है।
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एफआईआर हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम, अतिचार और अपहरण से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज किये गये हैं।
आपको बता दें कि पछिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई सियासी हिंसा के मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते दिनों बड़ा फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने इस सियासी हिंसा के दौरान हत्या औरबलात्कार के मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
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