उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, लखनऊ स्थित बीजेपी दफ्तर पहुंचे बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आगामी चनावी में उन्ही पार्टी बीजेपी में विलय नहीं करेगी। वह पार्टी के चुनाव चिह्न पर ही अगले चुनाव में शिरकत करेगी।
निषाद पार्टी के अध्यक्ष के साथ केंद्रीय मंत्री की बैठक
यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी में लगातार बैठकों का दौर जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को बीजेपी के यूपी प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और संजय निषाद के बीच एक अहम बैठक का आयोजन किया गया है। इस चुनावी संग्राम को लेकर निषाद पार्टी पहले ही बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। वह रथयात्रा निकालकर अपना चुनावी बिगुल फूंक रहे हैं। इसी क्रम में वह निषाद समुदाय को एक जुट करने की कवायद में भी जुट गए हैं।
ऐसे में निषाद का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला बीजेपी के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि संजय निषाद का अकेले चुनाव लड़ने के इस ऐलान के बाद सूबे में बीजेपी की एक बड़ी ताकत छिन गई है।
यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, दिग्गज नेता ने छोड़ दिया हाथ का साथ
गुरुवार को कानपुर देहात में निषाद ने कहा कि वह वोटरों को उनकी ताकत का एहसास कराना चाहते हैं। वोटर अभी बेहोश हैं, जिसे होश में लाना है। निषाद समुदाय ने संविधान में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है और संविधान ने सभी को बराबरी का दर्जा भी दिया है, लेकिन अभी तक निषाद समुदाय को समाज में वह स्थान नहीं मिला है, और ना ही किसी पार्टी ने दिया है, लेकिन बीजेपी से उनकी उम्मीदें बंधी हुई हैं और वह विश्वास रखते हैं कि, भारतीय जनता पार्टी के साथ जोड़ के वह निषाद समुदाय के लिए कुछ कर पाएंगे।