पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ एक और हमले में, सिंध प्रांत के रोहरी में एक हिंदू मंदिर को इस महीने की शुरुआत में मुस्लिमों ने न सिर्फ लूटा बल्कि तोड़ दिया। उन्होंने शिरन वाली माता हिंदू मंदिर में नकदी और सोना भी लूट लिया और हिंदू देवताओं की 5 मूर्तियों को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध गैर-लाभकारी संगठन वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी ने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की माँग की।
इस बीच सोशल मीडिया पर मारपीट और लूट की सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हो गई है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सिंध मानवाधिकार आयोग (SHRC) ने हमले की निंदा की और एक सतर्कता मंच के रूप में काम करने और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों पर नज़र रखने के लिए एक विशेष समिति के गठन की सिफारिश की है।
बता दें कई पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के मंदिरों पर लगातार हमला, लूट और तोड़फोड़ की जा रही है। इससे पहले 27 जनवरी को सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में निर्माणाधीन हिंगलाज माता मंदिर को पाकिस्तानी अथॉरिटी ने गिरा दिया था। साथ ही साल 2020 में नवरात्रि के दौरान अज्ञात बदमाशों ने हिंगलाज माता की मूर्ति के सिर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था, साथ ही उनके वाहन का मुँह भी तोड़ दिया था।
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गौरतलब है कि वर्ष 2021 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के दूरदराज के शहरों में एक हिंदू मंदिर के विध्वंस को रोकने में विफल रहने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि जब रहिमयार खान जिले के भुंग में एक हिंदू मंदिर पर सैकड़ों लोगों ने लाठियों से हमला किया था और अधिकारियों ने यह कहकर इसका समर्थन किया था कि यह मंदिर के आसपास रहने वाले हिंदू परिवारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा, “एक हिंदू मंदिर को तोड़ा गया, और जरा सोचिए कि उन्होंने क्या महसूस किया होगा। कल्पना कीजिए कि अगर एक मस्जिद को गिरा दिया जाता तो मुसलमानों की क्या प्रतिक्रिया होती।