बांग्लादेश में एक बाद फिर हिंदू मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया है। शरारती तत्वों ने एक प्राचीन हिंदू मंदिर में देवता की मूर्ति को नष्ट कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी बांग्लादेश में औपनिवेशिक काल के एक मंदिर में इस घटना को अंजाम दिया गया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि अज्ञात बदमाशों ने बांग्लादेश के झेनाइदाह में एक हिंदू मंदिर में एक देवता की मूर्ति को तोड़ दिया। घटना की जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने तोड़फोड़ करने वालों की तलाश शुरू कर दी।
मूर्ति को टुकड़ों में तोड़ दिया: समाचार पोर्टल bdnews24.com ने मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा के हवाले से बताया कि दौतिया गांव में काली मंदिर के अधिकारियों ने शुक्रवार (7 सितंबर) सुबह मूर्ति को टुकड़ों में तोड़ दिया। हमलावरों ने प्राचीन हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और मंदिर के अंदर मौजूद प्रतिमा को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय पुलिस ने हमलावरों की धर-पकड़ के लिए ऑपरेशन भी शुरू किया है।
औपनिवेशिक काल का मंदिर: जानकारी के अनुसार, यह मंदिर औपनिवेशिक काल का है और अंग्रेजों के शासनकाल से इसमें पूजा-अर्चना हो रही है। हमले की जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले। मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ था। जिले के सहायक पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बर्मन के अनुसार मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
पहले भी हो चुके हैं मंदिरों पर हमले: पड़ोसी देश में किसी मंदिर में तोड़फोड़ की यह पहली घटना नहीं है। 17 मार्च 2022 को ढाका में इस्कॉन राधाकांत जीव मंदिर में तोड़फोड़ की गई और मूर्तियों को ले जाया गया। कई श्रद्धालुओं के साथ तोड़फोड़ करने वालों ने मारपीट भी की थी।
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इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी अमानी कृष्ण दास के मुताबिक, हाजी शफीउल्लाह के नेतृत्व में 200 से अधिक आतंकवादियों ने वारी में 222, लाल मोहन साहा स्ट्रीट पर इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर हमला, तोड़फोड़ और लूटपाट की। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा दीवार तोड़ने का भी प्रयास किया।” गौरतलब है कि बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं।