केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह दो दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने जनता के बीच जाकर कई लोकलुभावन वादे भी किये हैं। उनके इन्ही वादों को अब सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल सरकार हथियार के रूप में प्रयोग कर रही है। दरअसल, शुक्रवार को तृणमूल भवन में मीडिया से मुखातिब राज्य के मंत्री और अभिनेता ब्रात्य बसु ने कहा कि अमित शाह उन लोगों में से हैं जो केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और झूठ बोलते हैं। उनके वादों और बातों का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं रहता।
अमित शाह के वादों को लेकर तृणमूल ने बोला तगड़ा हमला
पश्चिम बंगाल में शिक्षकों के आंदोलन को भाजपा का समर्थन और पदयात्रा पर तंज कसते हुए ब्रात्य ने कहा कि भाजपा के शासन वाले राज्य गुजरात में दीपक तले अंधेरा है। वहां शिक्षकों के वेतन में काफी अनियमितताएं हैं। शिक्षकों को पेंशन नहीं मिलता, वेतन नहीं मिल रहा है। बेहतर होगा अगर भाजपा अपने शासन वाले राज्यों में पहले ये सारे नियम लागू करे।
गुरुवार को पांचवीं परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाते हुए अमित शाह ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग के मुताबिक वेतन दिया जाएगा। उन्होंने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 33 फ़ीसदी आरक्षण और गंगासागर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने का आश्वासन भी दिया था।
इस पर तंज कसते हुए ब्रात्य बसु ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा ने वादा किया था कि महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देंगे लेकिन इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि संसद में बलपूर्वक कृषि कानून तो बना दिए गए लेकिन महिलाओं के अधिकारों के लिए कानून क्यों नहीं बने।
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उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने यह वादा किया था लेकिन इसके लिए कुछ किया नहीं गया है और उसी की पुनरावृत्ति पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले वादे के रूप में की जा रही है। सच्चाई यह है कि अमित शाह झूठ बोल रहे हैं और इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शर्म आएगी।