नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्यातकों की सहायता के लिए केंद्र सरकार के 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को मंजूरी देने के फैसले की बृहस्पतिवार को सराहना की। इस पहल का मकसद निर्यातकों को उच्च अमेरिकी शुल्क के प्रभाव से निपटने में मदद करना है।
शाह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के 25,060 करोड़ रुपये के ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ को मंजूरी देने से भारत के निर्यात क्षेत्र को एक नई सहायता प्रणाली से मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण की दिशा में एक मजबूत कदम है जिसके तहत भारतीय उत्पादों के वैश्वीकरण के माध्यम से निर्यात क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनायेगा एवं साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दे दी है जिसके तहत निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की बिना किसी गारंटी के ऋण सहायता सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा,यह ऐतिहासिक कदम नकदी प्रवाह को बढ़ावा देगा, एमएसएमई को सशक्त बनाएगा और एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य की ओर भारत की प्रगति को गति देगा जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
‘निर्यात संवर्धन मिशन’ का उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई), पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए । वहीं निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) निर्यातकों के लिए गारंटी-मुक्त ऋण सहायता सुनिश्चित करेगी जिससे वैश्विक बाजार में व्यवधानों से निपटने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निर्यात संवर्धन मिशन एवं निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी गई।
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