पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने एक बयान में कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाते हैं तो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी हो सकती है। उनका यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नागवार गुजरा है। गुरुवार को उन्होंने आसिफ ख्वाजा के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गठबंधन और भारत के इस पड़ोसी देश के इरादे और एजेंडा एक जैसे हैं।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और JKNC के समर्थन की बात ने एक बार फिर कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है। इस बयान ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे भी एक हैं और एजेंडा भी।
उन्होंने आगे लिखा कि पिछले कुछ वर्षों से राहुल गांधी देशवासियों की भावनाओं को आहत करते हुए हर एक भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं। एयर स्ट्राइक व सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगने हों, या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें करना हो, राहुल गाँधी की कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान के सुर हमेशा एक रहे हैं और कांग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान यह भूल जाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए कश्मीर में न तो आर्टिकल 370 वापस आने वाला है और न ही आतंकवाद।
अमित शाह ने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग ने पत्थरबाजी और दहशतगर्दी की हमदर्द पार्टियों को खारिज कर दिया है। यहां की अवाम को मोदी की सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर की गारंटी पर पूर्ण विश्वास है। श्रीनगर में आशीर्वाद देने आई जनता-जनार्दन को तहेदिल से शुक्रिया।
ख्वाजा आसिफ ने क्या कहा
कैपिटल टॉक नामक शो में वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली पर पाकिस्तान और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन एकमत हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें एक जैसी हैं।
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आसिफ ने कहा कि मुझे लगता है कि यह संभव है। वर्तमान में, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का वहां बहुत बड़ा महत्व है। घाटी की आबादी इस मुद्दे पर बहुत प्रेरित है और मेरा मानना है कि एक मौका है कि कॉन्फ्रेंस (नेशनल कॉन्फ्रेंस) सत्ता में आएगी। उन्होंने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है कि जम्मू-कश्मीर का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।
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