इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से पिछली नीति को बहाल करने का अनुरोध किया है, जिसमें अनिवासी भारतीयों (NRI) को मौजूदा 120 दिनों के बजाय साल भर में अधिकतम 182 दिन रहने की अनुमति दी जाती थी। बीते दिन शनिवार को हुबली में देशपांडे फाउंडेशन के 14वें विकास संवाद सम्मेलन में बोलते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि NRIs के लिए भारत में रहने के दिनों की संख्या 250 तक भी बढ़ा दी जाती है तब भी देश पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे देश को ही फायदा होगा क्योंकि इनकी मौजूदगी से देश बेहतर होगा और भारत में स्टार्टअप्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रियों के साथ मेरी ढेरों बहसें हो चुकी हैं कि हमें NRIs का बहुत सम्मान और प्रशंसा के साथ स्वागत कैसे करना चाहिए।”
भारतीय समाज की भलाई के लिए काम करते हैं NRIs
एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि 1 साल में प्रभासी भारतीयों को यहां रहने की संख्या के दिनों को 183 दिन से घटाकर 120 दिन करने के निर्णय से देश को NRIs की उपस्थिति के 63 दिनों का नुकसान हुआ है, जो भारतीय समाज की भलाई के लिए काम करते हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से विनम्र अनुरोध है कि इस संबंध में पुरानी व्यवस्था को वापस लागू करें और स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाले NRIs को यहां लंबे समय तक रहने की अनुमति दें।
देश में अतिरिक्त पैसा लाते हैं प्रवासी भारतीय
NRIs का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए वित्तमंत्री, राजनीतिक नेताओं और नौकरशाही से अपने अनुरोध को दोहराते हुए मूर्ति ने कहा कि प्रवासी भारतीय देश में अतिरिक्त पैसा लाते हैं और उसके बदले में वह कुछ भी नहीं मांगते हैं।
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