जो बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका को अन्य देशों में चल रहे युद्ध से बाहर निकालने की कोशिशों में लगे हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो रही है, तो वहीं यमन युद्ध में सऊदी अरब को दिया जाने वाला समर्थन भी अमेरिका ने रोक दिया है। इस हफ्ते अमेरिका के उस सफल ऑपरेशन को भी दस साल हो जाएंगे, जिसके तहत अल-कायदा के खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मारा गया था।
ओसामा अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। पाकिस्तान के शहर एबटाबाद में उसे मौत के घाट उतारा गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 9/11 हमले की 20वीं बरसी पर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी कराने का एलान किया है। लेकिन अब अल-कायदा ने ही कहा है कि अमेरिका के साथ उसका युद्ध अब भी खत्म नहीं हुआ है।
आतंकियों ने क्या कहा?
इसी संगठन से गुड़े दो आतंकियों ने सीएनएन को इंटरव्यू दिया है और कहा है, ‘अमेरिका के खिलाफ सभी मोर्चों पर युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक वह बाकी बची इस्लामी दुनिया से बाहर नहीं निकल जाता।’ इससे पहले अल-कायदा इस तरह के सवालों के जवाब काफी कम ही दिया करता था। लेकिन इस बार उसने क्यों ऐसे खुलासे किए हैं, ये चर्चा का विषय जरूर है।
क्या बताना चाहता है अल-कायदा
अमेरिका के आतंकवाद विशेषज्ञ पॉल क्रुकशांक ने आतंकियों के जवाबों का विश्लेषण करने के बाद कहा है कि ऐसा संभव है कि ‘वह (अल-कायदा) अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को बाहर करने के बाइडेन प्रशासन के फैसले से खुश हुआ है, लेकिन ये भी हो सकता है कि हाल ही में उसे जो नुकसान हुए हों, वो उनसे ध्यान हटाना चाहता हो।’ वो आतंकी समूह जो कभी दुनिया के सामने गरजता था, वो आज कमजोर पड़ गया है लेकिन अभी मरा नहीं है। और अब वह अमेरिकी सैनिकों की निकासी के बाद वापसी की बात कर रहा है।
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अफगान युद्ध पर क्या बोले ब्लिंकेन
अल कायदा के इन आतंकियों ने इंटरव्यू में अमेरिका के खिलाफ लड़ाई जारी रखने को लेकर तालिबान की तारीफ की है। इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने बीते महीने कहा था कि ‘हम 20 साल पहले अफगानिस्तान गए थे और हम इसलिए गए थे क्योंकि हमपर 9/11 में हमला हुआ था। हम उन लोगों को लेने गए थे, जिन्होंने 9/11 का हमला किया था। ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान एक बार फिर आतंवादियों के लिए सुरक्षित स्थान ना बन जाए।’ तालिबान ने बेशक अमेरिका के साथ शांति समझौता किया हो, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उसके तार अब भी अल-कायदा से जुड़े हुए हैं।