उत्तर प्रदेश के बीते विधानसभा चुनाव के दौरान चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच शुरू हुई कलह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ख़त्म होती नजर आ रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दीपावली मुलायम सिंह यादव का समाजवादी कुनबा फिर एक हो जाएगा। इस विधानसभा चुनाव में शिवपाल की प्रसपा और अखिलेश यादव की saसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। सपा अध्यक्ष अधिलेश यादव ने इस बात की ओर इशारा भी कर दिया है। हालांकि उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय होने की खबर को खारिज कर दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा- चाचा शिवपाल का किया जाएगा सम्मान
मिली जानकारी के अनुसार, दीपावली मनाने के लिए सैफई पहुंचे अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि चाचा का सम्मान होगा उनके दल को साथ लाने का काम करेंगे। नेताजी के जन्मदिन तो बाद में आयेगा, मैं आज ही कह रहा हूं कि उनका सम्मान होगा। उन्होंने विलय के सवाल पर कहा कि शिवपाल सिंह की पार्टी से विलय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव में जा रहे हैं, जिस तरह से गठबंधन होता है उसी तरह से गठबंधन होगा।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों भी लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में महगांई से सब परेशान है, हर चीज में महंगाई है। किसान नौजवान सब परेशान है। बीजेपी सरकार किसानों को खाद तक नही दे पा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा सरकार के कामों का उद्घाटन कर रहे है।
लखीमपुर की घटना पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार के लोग किसानों को गाड़ियों के नीचे कुचल रहे है। उन्होंने फिर दोहराया कि सपा लखीमपुर घटना में मारे गए किसानों की याद में स्मृति दिवस मनाएगी। सपा का हर कार्यकर्ता मृतक किसानों की याद में एक दीपक जलायेगा।
यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने की चौंकाने वाली भविष्यवाणी, बताई वजह
आपको बता दें कि शिवपाल सिंह यादव इसके पहले सपा में विलय की इच्छा जता चुके हैं। बीते सोमवार शाम उन्होंने मैनपुरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि प्रसपा बड़े दल से गठबंधन करेगी। वह सपा से गठबंधन और विलय के लिए तैयार हैं, लेकिन हमारे लोगों को सपा में सम्मान मिलना चाहिए उन्हें समायोजित किया जाए। वर्ष 2022 में भाजपा का सत्ता से जाना पूरी तरह तय है।