समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां से सीतापुर जेल में मुलाकात करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसके बाद भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे जेल में मुलाकात करने नहीं जाएंगे। रामपुर से विधायक समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खां करीब 27 महीने से सीतापुर की जेल में बंद हैं। उनको काफी केस में जमानत मिली गई है, जबकि शत्रु संपत्ति पर कब्जे के मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई होनी है।
सीतापुर जेल में बंद आजम खां के केस को लेकर समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पुख्ता पैरवी करने को लेकर तमाम बड़े मुसलमान नेता अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। बड़ी संख्या में आजम खां के समर्थक भी अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, लेकिन पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सीतापुर जेल जाकर आजम खां का हालचाल लेने से कतरा रहे हैं। रमजान में इस बार रोज इफ्तार पार्टी का आयोजन ना करने वाले सपा मुखिया ने आजम खां को लेकर कहा है कि जब आजम खां जेल से छूट कर बाहर आ जाएंगे तभी मुलाकात होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां को भाजपा की सरकार ने साजिशन फंसाया है। उनको जेल भी भेजा गया है। भाजपा के बहुत से नेता के साथ कार्यकर्ता उनके पीछे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी तो लगातार आजम खां के साथ है। हमारे सभी नेता तथा कार्यकर्ता लगातार उनके मामलों की पैरवी भी कर रहे हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वीडियोग्राफी और सर्वे पर मुस्लिम पक्षकार के विरोध पर सवाल,संत समाज मुखर
समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे दिग्गज नेता आजम खां ने भी बुधवार को चुप्पी तोड़ते हुए इशारों में अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। करीब 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम खां अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। उनके समर्थक खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, लेकिन आजम खां ने पहली बार इस पर कुछ कहा है। समाजवादी पार्टी से विधायक उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने अपने ट्विटर हैंडल से आजम खां के हवाले से यह ट्वीट किया है। आजम खां ने सभी को ईद की मुबारकबाद के साथ कहा कि तू छोड़ रहा है, तो खता इसमें तेरी क्या, हर शख्स मेरा साथ, निभा भी नहीं सकता। वैसे तो एक आंसू ही बहा के मुझे ले जाए। ऐसे कोई तूफान हिला भी नहीं सकता। ईद मुबारक। माना जा रहा है कि आजम खां का इशारा अखिलेश यादव की तरफ है। आजम के करीबी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि अखिलेश यादव को आजम खां के जेल में होने का कोई गम नहीं है और उन्होंने उनकी रिहाई के लिए कुछ नहीं किया गया। एक अन्य ट्वीट में अब्दुल्ला आजम ने पिता के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि यह पिता के बिना पहली ईद है और ऐसा मौका दोबारा ना आए। उन्होंने लिखा, वो जो ख्वाब था मेरे जहन में, न मैं कह सका न मैं लिख सका, की जबान मिली तो कटी हुई , की कलम मिला तो बिका हुआ। आपके बिना पहली ईद है अल्लाह पाक कभी दोबारा ऐसा मौका ना लाए।