संसद में जारी बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को लोकसभा में राम भक्तोंपर अभद्र टिप्पणी कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल, अखिलेश यादव ने अपने एक बयान में अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने वाले राम भक्तों को चंदाजीवी शब्द से संबोधित किया। उनके इस बयान के खिलाफ संत समाज ने निंदा प्रकट की है।

संसद में अखिलेश ने पीएम मोदी पर हमला बोले हुए दिया विवादित बयान
दरअसल, बीते सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए आंदोलनजीवी वाले बयान पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने राम भक्तों को चंदाजीवी बताया। उन्होंने कहा कि जो घर-घर जाकर चंदा ले रहे हैं, क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं।
एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक़, उनका यह बयान अयोध्या से संतों को रास नहीं आया है। उन्होंने अखिलेश यादव के इस बयान की तीखी आलोचना की है। उदासीन रानोपाली आश्रम के महंत डॉ। भरत दास ने कहा कि अखिलेश यादव की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। श्रीराम मंदिर निर्माण में हर कोई दिल खोलकर सहयोग कर रहा है, कोई चंदा नहीं दे रहा है, बल्कि ऐच्छिक योगदान दे रहा है। अखिलेश यादव का बयान निंदनीय है।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव अभी बच्चे हैं। वे पीएम मोदी के बयान को समझ ही नहीं पाए, इसके लिए उन्हें अध्ययन करना होगा।
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इसके अलावा हनुमानगढ़ी के संत राजूदास ने भी अखिलेश के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के दिल-दिमाग में नफरत भरी है। राममंदिर निर्माण के लिए कोई चंदा नहीं दे रहा है बल्कि उनका सहयोग है। चंदाजीवी कहकर भगवान राम पर कमेंट करना ठीक नहीं है। अखिलेश अब अपने पिता मुलायम सिंह यादव के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। मुलायम ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं थीं अब अखिलेश राममंदिर को लेकर कमेंट कर रहे हैं।
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