कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे बड़ा रूप लेता जा रहा है। 19 दिनों से जारी इस आंदोलन का हल निकलता नजर भी नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां सरकार कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दे रही है। वहीं किसान इस क़ानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने किसान आंदोलन को लेकर एक विवादित बयान दे डाला है।

कृषि मंत्री ने दिया विवादित बयान
दरअसल, मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को कुकुरमुत्ता करार दिया है। कमल पटेल ने कहा कि ये किसान संगठन कुकुरमु्त्तों की तरह उग आए हैं। ये किसान नहीं हैं, बल्कि व्हीलर डीलर और एंटी नेशनल हैं।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह बयान उस वक्त दिया जब वे बीजेपी के किसानों से संवाद कार्यक्रम के तहत उज्जैन में एक प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। बीजेपी ने नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को बताने के लिए पूरे देशभर में कैम्पेन चलाया है, जिसमें पार्टी के नेता ये बता रहे हैं कि किस तरह ये कानून उनके हित में हैं।
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उधर, किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि वह किसानों से क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को अपना लिखित प्रस्ताव भेजा है और हम अगले दौर की बात के लिए उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। ये तीनों विधेयक किसानों के कल्याण के लिए हैं।
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