भारत जोड़ो यात्रा के अब तक ठीक तरह से निकल जाने और उससे कांग्रेसियों में पैदा हो रहे उत्साह को देखते हुए अब कांग्रेस महिला जोड़ो यात्रा निकालने की तैयारी में है. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसके जरिये महिला मतदाताओं तक पहुंच बनाने की योजना है. कांग्रेस की इस महिला जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कई कांग्रेसी नेता करेंगे लेकिन केंद्र में प्रियंका ही रहेंगी. वह हर राज्य में महिला मोर्चा का नेतृत्व करेंगी और स्थानीय जरूरतों के अनुसार महिला घोषणापत्र भी जारी करेंगी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी महिला कांग्रेस और प्रियंका की स्टार छवि पर केंद्रित होकर महिला अध्यक्ष के नहीं होने वाले नुकसान की भरपाई करना चाहती है.
अगर 2019 में हुए चुनाव में महिला मतदाताओं के आंकड़ों पर नजर डालें तो बात साफ हो जाती है कि आखिर महिलाओं तक पहुंच बनाना क्यों जरूरी हो गया है. पिछले चुनाव में महिलाओं की वोटिंग 68 फीसद रही जबकि पुरुषों का आंकड़ा 64 फीसद था. अन्य राज्यों के बीच में उत्तराखंड, गोवा, बिहार और उत्तरप्रदेश में चुनावी नतीजे बताते हैं कि यह महिलाओं के ही वोट थे, जिसने भारतीय जनता पार्टी को एकतरफा जीत दिलाई. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा महिला सशक्तिकरण पर इतना जोर दे रहे हैं. कांग्रेस को महिला समर्थक पार्टी होने पर गर्व है. जिसकी अध्यक्षता दो दशक तक एक महिला ने की थी और राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने पर जोर भी दिया था. लेकिन साफ है कि पार्टी यहीं पर रुकना नहीं चाहती है. इसलिए अब महिलाओं के दिल में जगह बनाने के लिए वह प्रियंका गांधी वाड्रा कार्ड का इस्तेमाल करना चाहती है. उत्तर प्रदेश में इसके इस्तेमाल से थोड़ी सफलता हासिल हुई थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश में ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है.
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कांग्रेस का ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान
भारत जोड़ो यात्रा के गणतंत्र दिवस तक समाप्त होने के साथ ही दो महीने लंबे ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की शुरुआत करने की भी कांग्रेस की योजना है. जो 26 जनवरी से शुरू होकर 26 मार्च तक चलेगा. इसके तहत होने वाले कार्यक्रमों के जरिये देश भर के राज्यों, जिलों और ग्राम पंचायत स्तर पर भारत जोड़ो यात्रा के एकता के संदेश को पहुंचाने का काम किया जाएगा. यही नहीं इस दौरान राहुल गांधी का लिखा पत्र भी बांटा जाएगा, जो भारत जोड़ो यात्रा के मकसद को बयान करेगा.
यह संयोग की बात है कि एक तरफ कांग्रेस महिला जोड़ो यात्रा की तैयारी में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान लगातार भाजपा और संघ पर ‘हे राम’और ‘जय सिया राम’ के बजाए ‘जय श्री राम ’ का नारा लगाकर सीता जी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते रहे हैं. जबकि उनके मुताबिक जय सियाराम में राम और सीता दोनों का महत्व बराबर शामिल है. राहुल ने हाल ही में कहा कि ‘वे कभी भी जय सियाराम नहीं बोलते हैं, सीता हटा दी गई हैं. और वे कभी हे राम का जाप नहीं करते हैं, क्योंकि वे भगवान राम के आदर्शों पर विश्वास ही नहीं करते हैं.’