बलिया नगर से विधायक व प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने अजान के बाद अब बुर्के को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बुर्के को महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार और एक कुप्रथा करार देते हुए तीन तलाक की तर्ज पर इससे मुक्ति दिलाने की वकालत की है।
किसी भी धर्म को बुर्का पहनने को बाध्य करने का अधिकार नहीं : आनंद स्वरूप शुक्ल
गौरतलब है कि मंत्री श्री शुक्ल इससे पहले मस्जिदों से होने वाली अजान को लेकर डीएम को पत्र लिखा था। इसके बाद उन्होंने बुर्के को लेकर बयान दिया है।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा कि देश में महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी। अनेक मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है। यह महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार और एक कुप्रथा है।
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उन्होंने कहा कि विकसित सोच वाले लोग अब न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं। कहा कि किसी भी धर्म को ये अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह बुर्के को अनिवार्य करे। बल्कि महिलाओं को स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। परंपरा के नाम पर महिलाओं को बुर्का पहनने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।