हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते मीने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी किया था जिसमें उसने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस घटना के अगले दिन से ही अडानी ग्रुप के शेयर भयानक रूप से गिरने शुरू हो गए और कंपनी का मार्केप कैप 100 अरब डॉलर घट गया। गौतम अडानी भी सबसे अमीर लोगों की टॉन टेन सूची से बाहर हो गए। अब ऐसी खबर मिल रही है कि गौतम अडानी इस शार्ट सेलर कंपनी के खिलाफ लीगल एक्शन लेने के मूड में आ गए हैं। इसके लिए अडानी ग्रुप अमेरिका की एक बड़ी लॉ फर्म को हायर किया है।
वॉचटेल लड़ सकती है अडानी ग्रुप का केस
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बिजनेस टाइकून गौतम अडानी की कंपनी ने एक्टिविज्म डिफेंस लॉ फर्म वाचटेल, लिप्टन, रोसेन एंड काट्ज से संपर्क किया है। हालांकि ईटी ने स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। आपको बता दें कि वॉचटेल चर्चित और विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर है। इसी कंपनी ने 44 बिलियन डॉलर के चर्चित ट्विटर टेकओवर मामले में एलन मस्क की तरफ से केस में पैरवी की थी। दरअसल हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी एक्शन लेकर अडाणी ग्रुप अपने निवेशकों को कंपनियों की फाइनेंशियल हेल्थ को लेकर आश्वस्त करना चाहते हैं और उनका भरोसा जीतना चाहते हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ सुनवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में भी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो याचिकाओं पर आज सुनवाई हो रही है। एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट के कारण देश की छवि धूमिल होने के साथ-साथ यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। वहीं शर्मा की याचिका में दावा किया गया है कि रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया, और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।